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कभी खाया है हिमाचल का ‘धाम’? हर जिले की अपनी वैरायटी, बनाने से खाने तक का तरीका अनोखा

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कांगडा: पहाड़ों की आबोहवा सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, जायके लिए भी फायदेमंद है. हिमाचल की एक ऐसी ही डिश, जिसकी धूम दूर-दूर तक है. कांगड़ा की इस डिश का हर हिमाचली दीवाना है. सिर्फ हिमाचल ही नहीं, बल्कि कई राज्यों के लोग भी इसे खूब पसंद करते हैं. “कांगड़ी धाम” खुशी के हर मौके पर बनने वाला व्यंजन है, जिसके बिना कोई कार्यक्रम संपन्न हो ही नहीं सकता.

कांगड़ी धाम में ये सामग्री
कांगड़ी धाम में चने का मदरा, मटर पनीर, राजमा, चने की दाल, माह उड़द, चने का खट्टा, और मीठे चावल जैसे व्यंजन परोसे जाते हैं. कांगड़ी धाम के व्यंजन पीतल की चरोटियों में लकड़ी की आंच पर पकाए जाते हैं. इसको खाने का तरीका भी पारंपरिक है. इसे जमीन पर पंक्ति में बैठकर हाथों से खाया जाता है. कांगड़ी धाम के व्यंजन, मसालों के बेहतरीन मिश्रण से बनाए जाते हैं. इन व्यंजन को शरीर की जरूरतों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर चुना जाता है. इसमें कुछ व्यंजन जैसे मीठा चावल सबसे आखिर में परोसा जाता है, क्योंकि यह पाचन में मदद करता है.

जमीन पर एक साथ बैठ कर खाते हैं धाम
आज कल के मॉडर्न दौर में शायद कुछ लोगों को यह अंदाज पसंद न आए, लेकिन यह परंपरा है कि धाम का आनंद खुले आसमान के नीचे लिया जाता है. हिमाचल के कांगड़ा जिले की धाम को सबसे बेहतर धाम में माना जाता है. कांगड़ी धाम में चावल के साथ नौ तरह की दालें और सब्जियां बनाई जाती हैं.

12 जिलों की अलग-अलग धाम
हिमाचल के 12 जिलों में शादी हो या फिर कोई शुभ अवसर, इन मौकों पर मेहमानों के लिए जो खाना बनता है, उसे धाम कहा जाता है. हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों की अपनी अलग-अलग धाम है. सबकी अपनी-अपनी खासियत है, जिसमें मंडयाली और कांगड़ी धाम सबसे ज्यादा मशहूर है.

क्या बोले फूड एक्सपर्ट अर्पित अवस्थी
जिला कांगड़ा से संबंध रखने वाले अर्पित अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग धाम खुशी के मौके पर बनाई जाती है. जिसकी अपनी खासियत है. धाम हिमाचल के लोगों के लिए सिर्फ खाने का व्यंजन नहीं, बल्कि उनका इमोशन है. धाम की शुरुआत चंबा जिले से हुई थी.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-himachal-food-dham-every-district-own-variety-making-eating-method-is-unique-local18-8692293.html

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