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गोरखपुर खिचड़ी मेला: धार्मिक आयोजन, स्वाद और मनोरंजन का संगम

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गोरखपुर का ‘खिचड़ी मेला’ गोरखनाथ मंदिर में एक महीने तक चलता है. यह मेला धार्मिक आयोजन के साथ-साथ खाने-पीने, खरीदारी और मनोरंजन का अद्भुत संगम है.

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पारंपरिक खाने, लोककला और झूलों का भी भरपूर आनंद’ उठाते हैं.

हाइलाइट्स

  • गोरखपुर का खिचड़ी मेला एक महीने तक चलता है.
  • खिचड़ी मेला धार्मिक आयोजन के साथ मनोरंजन का संगम है.
  • मालपुआ, गुड़ की जलेबी, तिलपट्टी मेले की खास मिठाइयाँ हैं.

गोरखपुर: हर साल मकर संक्रांति पर लगने वाला ‘खिचड़ी मेला’ बस धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यहां खाने-पीने, मौज-मस्ती और खरीदारी का भी खूब मज़ा आता है. यह मेला ‘गोरखनाथ मंदिर’ में लगता है और एक महीने तक चलता है. दूर-दूर से आने वाले लोग यहां आस्था के साथ-साथ खाने-पीने की खास चीजें, देसी सामान और झूलों का भी आनंद लेते हैं.

यहां खाने के लिए बहुत कुछ मिलता है, लेकिन कुछ चीजें तो ऐसी होती हैं जिनका इंतज़ार लोगों को बेसब्री से रहता है.

1. खिचड़ी प्रसाद – गोरखनाथ मंदिर में चढ़ने वाली खिचड़ी का प्रसाद लोग बड़े चाव से खाते हैं. यह तिल, गुड़ और घी से बनता है.

2. मालपुआ – खिचड़ी मेले की सबसे मशहूर मिठाई मालपुआ है, घी में तले हुए ये स्वादिष्ट पुआ मेले की शान हैं.

3. गुड़ की जलेबी और तिलपट्टी – ठंड के मौसम में मेले में मिलने वाली गुड़ की जलेबी और तिलपट्टी सबको बहुत पसंद आती है.

4. बूंदी का लड्डू और खोये की बर्फी – यह मिठाइयां मेले में बहुत बिकती हैं.

5. देशी कुल्हड़ चाय और मक्खन मलाई – ठंड के मौसम में कुल्हड़ वाली चाय और मक्खन मलाई का स्वाद लोग कभी नहीं भूलते.

खरीददारी करने वालों के लिए तो यह मेला किसी खजाने से कम नहीं, यहां बहुत कुछ मिलता है.

1. देशी लोहे के हथियार और खेती के औजार – तलवार, भाले, बर्छी और हल जैसे औजारों की खरीदारी के लिए यह मेला मशहूर है.

2. गोरखपुर की मशहूर टेराकोटा मूर्तियां – मिट्टी से बनी खूबसूरत मूर्तियां और खिलौने यहां की पहचान हैं.

3. लकड़ी और पीतल के हस्तशिल्प – लकड़ी की कारीगरी और पीतल का सजावटी सामान भी यहां खूब बिकता है.

मेले में लगते है कई तरह के झूले
मेले में कई तरह के झूले लगते हैं, लेकिन सबसे ज़्यादा भीड़ ‘मौत का कुआं’ नाम के स्टंट को देखने के लिए होती है. इसके अलावा, जाइंट व्हील (बड़ा झूला) बच्चों और युवाओं को बहुत पसंद आता है. गोरखपुर का खिचड़ी मेला बस एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि स्वाद, खरीदारी और मनोरंजन का अद्भुत संगम है. यहां आने वाले लोग आस्था के साथ-साथ पारंपरिक खाने, लोक कला और झूलों का भी भरपूर आनंद लेते हैं. यही वजह है कि यह मेला हर साल लोगों के लिए खास आकर्षण बना रहता है.

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गोरखपुर का खिचड़ी मेला चलता है एक महीने तक, इन खास मिठाइयों की रहती है डिमांड


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