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दशहरे पर बनती है यह पारपंरिक मिठाई, सेहत को भी रखता है फिट, आसान है बनाने का तरीका, नोट करें रेसिपी – Rajasthan News

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Rajasthan Traditional Sweet Gur Dhani: राजस्थान की पारंपरिक मिठाई गुड़ धानी त्योहारों और धार्मिक अवसरों पर प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है. यह सिर्फ स्वाद में नहीं बल्कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी है. गेहूं और गुड़ से बनने वाली यह मिठाई आयरन, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जिससे शरीर को ऊर्जा और मजबूती मिलती है. गुड़ धानी रिश्तों में मिठास लाती है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देती है.

राजस्थान की संस्कृति में पारंपरिक व्यंजन हमेशा से विशेष स्थान रखते हैं.  इन्हीं में से एक है गुड़ धानी, जो त्योहारों पर प्रसाद स्वरूप बनाई जाती है. यह मिठाई न केवल स्वाद में अनोखी है, बल्कि शुभता का प्रतीक मानी जाती है, खासकर दशहरे पर इसे खूब बनाया और पसंद किया जाता है.

गुड़ धानी राजस्थान के गांवों और शहरों में दशकों से बनाई जाती रही है. यह सिर्फ मिठाई नहीं बल्कि लोक जीवन और परम्परा से जुड़ी धरोहर है. धार्मिक अवसरों पर इसे बनाते हैं, जिससे रिश्तों में मिठास और सामाजिक एकता का संदेश मिलता है.

राजस्थानी लोक कविताओं और कहानियों में भी गुड़ धानी का जिक्र मिलता है. धर्मवीर भारती की कविता काले मेघा पानी दे में इसका उल्लेख अनाज और फसल से जुड़ा प्रतीक बनकर सामने आता है. यह दर्शाता है कि गुड़ धानी केवल भोजन नहीं, बल्कि संस्कृति की गहराई का हिस्सा है.

त्योहारों पर गुड़ धानी बनाना घर-परिवार की सामूहिक परंपरा रही है. जब गेहूं भूनने की खुशबू और गुड़ पिघलने की मिठास पूरे घर में फैलती है, तो वह माहौल अपने आप में उत्सव बन जाता है. यह परम्परा राजस्थान की मेहमाननवाजी और अपनत्व को दर्शाती है.

गृहिणी सुमित्रा मौर्य ने बताया कि इस राजस्थान की जलवायु और खानपान में गुड़ धानी स्वास्थ्य का भी खजाना है. इसमें मौजूद आयरन, जिंक और एंटीऑक्सिडेंट शरीर को मजबूती देते हैं. यह मिठाई सर्दी-खांसी से बचाव करती है और थकान दूर कर ऊर्जा प्रदान करती है. यही कारण है कि इसे प्रसाद स्वरूप महत्व दिया जाता है.

गुड़ धानी की विधि सरल होते हुए भी राजस्थानी संस्कृति की सादगी और मेहनत को दिखाती है. गेहूं को धूप में सुखाना, भूनना और गुड़ के साथ मिलाना यह पूरा क्रम जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का उत्सव है. यह मिठाई घर की बड़ी-बूढ़ियों से नई पीढ़ी तक परम्परा बांधती है.

राजस्थान में गुड़ धानी सिर्फ व्यंजन नहीं बल्कि संस्कृति का स्वाद है. यह त्योहारों की उमंग को दोगुना करती है और परिवार व समाज को एक सूत्र में पिरोती है. इसकी मिठास रिश्तों में अपनापन घोलती है और परम्परा के साथ-साथ स्वास्थ्य का उपहार भी देती है.

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दशहरे पर बनती है यह पारपंरिक मिठाई, आसान है बनाने का तरीका, नोट करें रेसिपी


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