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Rajasthani Food: राजस्थान में बारिश के साथ लोगों की थाली में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. पारंपरिक ढोकली के साथ इस बार ग्वार फली री ढोकली खास पसंद बनती नजर आ रही है. क्लस्टर बीन्स और आटे-बेसन से बनी यह डिश छोट…और पढ़ें
ग्वार फली यानी क्लस्टर बीन्स से बनने वाली यह डिश छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको पसंद आती है. इसका स्वाद पारंपरिक ढोकली से अलग और लाजवाब होता है. ग्वार फली के छोटे टुकड़ों और आटा और बेसन के मिश्रण से बनने वाली इस ढोकली में मसालों का तड़का स्वाद को और बढ़ा देता है.
सबसे पहले ताजी ग्वार फली को अच्छी तरह धोकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. एक बर्तन में आटा और बेसन लें और उसमें हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, नमक और अजवाइन डालकर गाढ़ा आटा गोंद कर तैयार करें. कड़ाही में तेल गरम करें, उसमें राई, जीरा और हींग का तड़का डालें. अब ग्वार फली डालकर हल्का पकाएं और फिर धीरे-धीरे आटा और बेसन का गोंदा हुआ आटा से हाथ से गोल गोल बनकर पानी में डाल दे. ढककर धीमी आंच पर कुछ देर पकने दें. जब दाल में आटा और बेसन वाली ढोकली अच्छे से गाढ़ी हो जाए, तो गैस बंद कर दें और ऊपर से हरा धनिया डालकर सजा लें.
बरसात में हर उम्र की पसंद
बरसात के मौसम में इस डिश का मजा गरमा-गरम रोटी या चावल के साथ और बढ़ जाता है. इसका स्वाद ऐसा है कि घर के छोटे बच्चे भी इसे पसंद करते हैं और बड़े-बुजुर्गों के लिए यह खास विकल्प बन जाता है. यही कारण है कि राजस्थान के कई घरों में इस समय ग्वार फली री ढोकली की डिमांड तेजी से बढ़ रही है.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन… और पढ़ें
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