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बांस की कोपलों से भी बनती है स्वादिष्ट सब्जी, झारखंड के आदिवासी परिवारों की पहली पसंद, बेहद आसान है रेसिपी

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Jharkhand Tribal Famous Traditional Dish: बांस सिर्फ झोपड़ी या फर्नीचर बनाने तक सीमित नहीं, बल्कि झारखंड में इसकी कोपलों से बनने वाली एक लजीज डिश भी लोकप्रिय है. आदिवासी परिवार इसे त्योहारों और खास मौकों पर बड़े चाव से बनाते हैं. हल्दी में उबालने और सरसों के तेल में पकाने के बाद इसमें मसाले, टमाटर और हरा धनिया डाला जाता है. यह सब्जी आदिवासी खानपान और परंपरा का अहम हिस्सा है.

उदयपुर. अगर आप यह सोचते हैं कि बांस सिर्फ झोपड़ी बनाने या फर्नीचर के काम आता है, तो जरा रुकिए. झारखंड और कई आदिवासी इलाकों में बांस की कोपलों से बनने वाली एक खास सब्जी लोगों की पसंदीदा डिश में गिनी जाती है. यह खास सब्जी आदिवासी समाज के पारंपरिक खान-पान का हिस्सा है. इसे वहां के लोग बड़े चाव से खाते हैं और कई बार इसका अचार भी बनाकर लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं. उदयपुर आईं झारखंड की चंदा नाग ने बताया  कि उनके यहां के हर आदिवासी परिवार में यह सब्जी गर्मियों की शुरुआत में ज़रूर बनती है.

इस खास सब्जी को बनाने की विधि भी थोड़ी अलग और रोचक है. सबसे पहले बांस की कच्ची कोपलों को जंगल से तोड़ा जाता है. ध्यान रखा जाता है कि कोपलें एकदम ताज़ा और मुलायम हों. फिर इनको घर लाकर अच्छे से धोया जाता है और छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. इसके बाद हल्दी डालकर उन्हें उबाला जाता है ताकि इनकी कड़वाहट निकल जाए.

ऐसे तैयार होती है बांस के कोपले की सब्जी

चंदा नाग ने बताया  कि जब यह कोपलें एकदम नरम हो जाती हैं, तब इन्हें सरसों के तेल में पकाया जाता है. तेल में सबसे पहले ड्राय जीरे का तड़का लगाया जाता है, फिर इन उबली हुई कोपलों को डालकर भूनते हैं. इसके बाद स्वाद के अनुसार पारंपरिक मसाले जैसे धनिया पाउडर, लाल मिर्च, हरी मिर्च, और हल्का सा गरम मसाला मिलाया जाता है. स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कटे हुए टमाटर और ऊपर से हरा धनिया डालकर सजाया जाता है.

झारखंड की रहने वाली चंदा नाग ने बताया कि यह सब्जी झारखंड में खासतौर से चावल के साथ खाई जाती है. वहां के आदिवासी परिवार इसे पारंपरिक भोजनों में शामिल करते हैं, और त्योहारों या खास अवसरों पर भी इसे बनाते हैं. बांस की यह देसी सब्जी स्वाद, सेहत और परंपरा तीनों को एक साथ जोड़ती है. यह दिखाता है कि हमारे देश की पारंपरिक रसोई में आज भी अनगिनत अनसुने और अनोखे स्वाद छिपे हुए हैं.

deep ranjan

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें

दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट… और पढ़ें

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बांस की कोपलों से बना सकते हैं स्वादिष्ट सब्जी, नोट कर लें आसान रेसिपी


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