सर्दियों में आपको बाजार में खूब सारी हरी सब्जियां नजर आती हैं. सब्जियों के साथ-साथ सर्दियों में आपको थाली में रोटियों की भी खूब वैरायटी देखने को मिलती है. चाहे मक्के की रोटी हो, बाजरे की या फिर गेंहू की. ठंड के मौसम में बाजरे की रोटियां बड़े चाव से खाई जाती हैं. वहीं रागी का आटा ऐसा है, जो हर मौसम में मिलता है. आजकल हेल्दी डाइट में भी गेंहू की रोटी की जगह बाजरे और रागी जैसे आटे शामिल किए जाते हैं. लेकिन कई लोगों के लिए इन आटों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है. आइए आपको बताते हैं कि इन दोनों आटे में क्या अंतर है? साथ ही आखिर इन आटों को कितने समय खाया जा सकता है.
बाजरा और रागी दोनों ही मोटे अनाज हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इन दोनों के आटे में कुछ प्रमुख अंतर होते हैं.
1. बाजरा: बाजरा एक प्रकार का millet है, जो गर्मी के मौसम में उगता है. इसे आमतौर पर Pearl millet (Pennisetum glaucum) के नाम से भी जाना जाता है. वहीं रागी की बात करें तो ये एक प्रकार का अनाज है जिसे Finger millet (Eleusine coracana) कहते हैं. यह मुख्य रूप से पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में उगता है.
2. पोषक तत्वों के मामले में अंतर : बाजरा में हाई फाइबर, प्रोटीन, और मैग्नीशियम, आयरन, और फास्फोरस जैसे मिनरल होते हैं. यह शुगर के लेवल को कंट्रोल करता है और हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है. वहीं रागी में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. इसके अलावा, इसमें आयरन और फाइबर भी अच्छी मात्रा में होते हैं, और यह शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है.
3. स्वाद में अंतर : बाजरे का स्वाद हल्का और नट जैसा होता है. यह रोटी, खिचड़ी, उपमा, दलिया, और अन्य विभिन्न प्रकार के भोजन बनाने में प्रयोग होता है. रागी का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है. इसे आमतौर पर रागी के आटे से बनी रोटी, हलवा, या रागी मिक्स दलिया के रूप में खाया जाता है. यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
4. आटे की बनावट: बाजरे का आटा हल्का और सफेद रंग का होता है. यह रोटियों को थोड़ा क्रम्बली बना सकता है. वहीं रागी का आटा गहरे भूरे रंग का और थोड़ा भारी होता है. रागी से बनी रोटियां थोड़ी मोटी और भारी बनती हैं.
5. पाचन में भी फर्क : बाजरा पचने में थोड़ा आसान होता है और यह पेट के लिए हल्का होता है. साथ ही ये शरीर में गर्म करता है. वहीं रागी में अधिक फाइबर होने के कारण यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, लेकिन कुछ लोगों को इसका सेवन धीरे-धीरे करना चाहिए क्योंकि यह पेट में गैस बना सकता है.
बाजरे और रागी का कितने दिन तक करें इस्तेमाल
दोनों ही आटे पोषण से भरपूर होते हैं. बाजरा अधिक हल्का और पचने में आसान होता है, जबकि रागी कैल्शियम और आयरन का अच्छा स्रोत है और हड्डियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है. लेकिन जब बात इसे इस्तेमाल करने की आती है, तो इन दोनों ही आटे के इस्तेमाल करने का समय अलग-अलग है. बाजरे की बात करें तो ये आटा आप ज्यादा दिन तक के लिए स्टोर न करें. बाजरे का आटा पैकेट खुलने के बाद या पिसवाने के बाद 20 से 25 दिन तक ही इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि इसके बाद इस आटे में हल्की कड़वाहट आने लगती है. जबकि रागी या नाचणी के आटे की शेल्फ लाइफ बाजरे से ज्यादा होती है. इस आटे को आप 5 से 6 महीने तक एयरटाइट आटे में स्टोर कर आसानी से रख सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 17:16 IST
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