Agency:Bharat.one Uttar Pradesh
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Ghazipur: गाजीपुर में लगने वाला स्प्राउट्स का ये स्टॉल 30 साल पुराना है. इनके आइटम की खास बात केवल बेहतरीन स्वाद नहीं बल्कि इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टी है. ग्राहकों का कहना है कि यहां से स्प्राउट खाने से उनकी हेल्थ…और पढ़ें
गाजीपुर में 30 साल पुराना ‘सदाबहार स्प्राउट’, सेहत और स्वाद का मेल!”
हाइलाइट्स
- गाजीपुर में 30 साल पुराना स्प्राउट्स स्टॉल.
- ₹10 में छोटी प्लेट, ₹20 में बड़ी प्लेट मिलती है.
- साफ-सफाई और हाइजीन का खास ध्यान रखा जाता है.
गाजीपुर. गाजीपुर में मिश्रबाजार के सड़क किनारे शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक एक मोबाइल गाड़ी पर लगने वाली दुकान लोगों को ‘स्वास्थ्य का पैकेज’ परोस रही है. शंकर गुप्ता का “सदाबहार स्प्राउट पौष्टिक” स्टॉल 30 सालों से उबले चने, स्प्राउट्स और ताजा सलाद का अनोखा मिश्रण बेचकर लोकप्रिय बना हुआ है. यहां एक प्लेट में मिलते हैं उबले चने की गरमाहट, स्प्राउट्स की क्रंचीनेस और चुकंदर-गाजर-खीरे की ताजगी.
ग्राहकों का कहना है, यहां खाने के बाद पेट हल्का रहता और एनर्जी बूस्ट हो जाती है. शंकर बताते हैं, “हम रोज़ सुबह तड़के सामान तैयार करते हैं. चने को उबालने से लेकर सब्ज़ियों की कटिंग तक सफाई का ख्याल रखते हैं”.
सेहतमंद और सस्ता
इस स्टॉल की खासियत है इसकी सस्ती और सेहतमंद थाली. ₹10 में छोटी प्लेट और ₹20 में बड़ी प्लेट मिलती है, जिसमें चने के साथ मसालेदार चटनी और नींबू भी होता है. Bharat.one की टीम ने जब यहां खाने वालों से बात की, तो एक ग्राहक ने कहा, ‘रोज़ शाम यहां खाने की आदत बन गई है. पेट साफ रहता है और लीवर की समस्या कम हुई है’. दूसरी महिला ने बताया, ‘बच्चों को यह चना बहुत पसंद है, इसमें मिलावट नहीं होती.’ शंकर का दावा है कि उनके चने में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स का पावर कॉम्बो है, जो शरीर को डिटॉक्स करता है.
साफ-सफाई से जीतते हैं दिल
इस स्ट्रीट फूड स्टॉल की सफलता का राज है इसकी साफ-सफाई और आकर्षक प्रेजेंटेशन. सारा सामान शीशे के डिब्बों में रखा जाता है, जिससे ग्राहकों को हाइजीन का भरोसा मिलता है. शंकर और उनके बेटे हमेशा सफेद एप्रन पहनकर काम करते हैं. वे कहते हैं, “लोगों का विश्वास ही हमारी पूंजी है”.
परिवार का यह कारोबार रोजाना 50 से ज्यादा प्लेट बेचता है, जिससे घर का खर्च चलता है. शाम को गाड़ी लगाने से लेकर रात को सामान समेटने तक पूरा परिवार जुटा रहता है. शंकर की पत्नी बताती हैं, “बच्चों ने पढ़ाई के साथ यह धंधा भी संभाल लिया है. हमें गर्व है कि लोग हमारे चने को ‘दवा’ मानते हैं”.
Ghazipur,Uttar Pradesh
January 31, 2025, 11:47 IST
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