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सर्दियों का सीक्रेट मसाला…जानें पहाड़ों की हर सब्जी में क्यों डाली जाती है भांग, औरतें-बच्चे सब खाते हैं! – Uttarakhand News

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Kumaoni food in winter : उत्तराखंड के पहाड़ों पर भांग सिर्फ धार्मिक, औषधीय या खाकर टुन्न होने के लिए ही उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि खाने में स्वाद और पोषण के रूप में भी इस्तेमाल होता है. इसका इस्तेमाल पहाड़ी रसोई में सदियों से होता आ रहा है, लेकिन इसके फायदे क्या हैं और इसका खाने में इस्तेमाल होता कैसे है, आइये जानते हैं.

ऋषिकेश. उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में सर्दियों का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंड ही नहीं बल्कि एक खास स्वाद भी लेकर आता है. इन इलाकों की रसोई में बनने वाले व्यंजनों में कुछ ऐसी पारंपरिक चीजें शामिल होती हैं जो मौसम के हिसाब से शरीर को ऊर्जा, गर्मी और मजबूती देती हैं. इन्हीं में से एक है भांग, जिसे सिर्फ धार्मिक या औषधीय उपयोग के लिए नहीं बल्कि खाने में स्वाद और पोषण के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान ऋषिकेश के आयुष चिकित्सक डॉ. राजकुमार बताते हैं कि भांग का इस्तेमाल पहाड़ी रसोई में सदियों से होता आ रहा है. पुराने समय में जब बाजारों में मसालों की इतनी विविधता नहीं थी, तब लोग स्थानीय संसाधनों से ही स्वाद और सेहत दोनों का संतुलन बनाते थे.

टॉनिक से कम नहीं

भांग के बीज (जिसे भांग का बुरा या भांग का नमक भी कहा जाता है) को तवे पर हल्का सा भूनकर पीसा जाता है. इससे इसमें मौजूद तेल और सुगंध बाहर आती है जो खाने में एक अनोखा फ्लेवर देती है. सर्दियों के मौसम में यह परंपरा और भी खास हो जाती है क्योंकि भांग में मौजूद तत्व शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं. पहाड़ों की ठंडी हवाओं में रहने वाले लोगों के लिए यह किसी टॉनिक से कम नहीं है. आलू, लौकी, मूली और कद्दू जैसी सब्जियों में भांग डालने से उनका स्वाद और भी निखर जाता है. कई बार इसे दही या छाछ के साथ मिलाकर चटनी भी बनाई जाती है, जो खाने के साथ परोसी जाती है.

भांग सिर्फ स्वाद का स्रोत नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है. इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और सर्दियों में होने वाली सुस्ती या थकान को दूर करने में मदद करती है. पहाड़ों में लोग मानते हैं कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में भांग का सेवन करने से शरीर में गर्मी बनी रहती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है.

कैसे करें तैयार

उत्तराखंड, गढ़वाल और कुमाऊं के ग्रामीण इलाकों में भांग का उपयोग सिर्फ सब्जियों तक सीमित नहीं है. लोग इसे नमक के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं, जिसे “भांग का नमक” कहा जाता है. यह नमक खासतौर पर सर्दियों में दही, चटनी या फलों के साथ खाया जाता है. इसे बनाने के लिए भुनी हुई भांग के साथ नमक, लाल मिर्च और कभी-कभी नींबू का रस मिलाया जाता है, जिससे एक स्वादिष्ट मिश्रण तैयार होता है.

Priyanshu Gupta

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें

Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें

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सर्दियों का सीक्रेट मसाला! जानें पहाड़ों की हर सब्जी में क्यों डालते हैं भांग


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-winter-special-recipes-bhang-benefits-kumaoni-food-local18-9824576.html

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