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सहरसा में यहां के पेड़ा का जबरदस्त क्रेज, रोजाना 50 kg चट कर जाते लोग, हर दिन 1.5 क्विंटल दूध की खपत – Bihar News

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Saharsa Famous Peda: सहरसा के महिषी क्षेत्र में मुकेश कुमार ‘पेड़ा किंग’ के नाम से मशहूर हैं. वे अपने परिवार की तीन पीढ़ियों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पेड़ा, दही और गुलाब जामुन का कारोबार कर रहे हैं. शुद्ध खोए से बना उनका पेड़ा काफी प्रसिद्ध है. दुकान पर प्रतिदिन लगभग 50 किलो पेड़ा बनते हैं और मांग लगातार बढ़ रही है.

सहरसा: सहरसा के महिषी क्षेत्र के एक परिवार में तीन पीढ़ियों से पेड़ा-दही का पारंपरिक कारोबार चलता आ रहा है. इस क्षेत्र के लोगों के बीच मुकेश कुमार को पेड़ा किंग के नाम से जाना जाता है. मुकेश जो खुद महिषी के निवासी हैं. वे अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते हुए पेड़ा, दही और गुलाब जामुन जैसी मिठाइयों का कारोबार बड़े पैमाने पर स्थापित किया है.

रोजाना 50 किलो पेड़े की खपत
मुकेश कुमार प्रतिदिन लगभग 50 किलो पेड़ा बनाते हैं और इसे कई जगह सप्लाई करते हैं,उनकी इस मेहनत और लगन का नतीजा है कि उनके उत्पादों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मिठाइयों के साथ-साथ उनका उत्पादन क्षेत्र भी लगातार विस्तारित हो रहा है,प्रतिदिन 150 लीटर दूध की खपत होती है. जिससे पेड़ा, दही, गुलाब जामुन सहित अन्य मिठाइयां तैयार होती हैं,महिषी के श्री उग्रतारा स्थान में बना पेड़ा खास तौर पर प्रसिद्ध माना जाता है, क्योंकि यहां के पेड़े में शुद्ध खुआ इस्तेमाल किया जाता है,इस शुद्धता ने इस क्षेत्र के पेड़े को एक अलग पहचान दी है और लोगों का भरोसा भी मजबूत किया है.

शुद्ध दूध और खोए का इस्तेमाल
मुकेश कुमार कहते हैं कि परिवार की तीन पीढ़ियों ने इस व्यवसाय को माना है, शुरुआत से ही उनके दादा और पिता इस कारोबार में लगे रहे, आज वे खुद नई तकनीक और गुणवत्ता के साथ इस मिठाई व्यवसाय को आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी कोशिश रहती है कि पारंपरिक स्वाद के साथ नई मिठाइयां भी विकसित की जाएं, पेड़ा बनाते समय शुद्ध दूध और खुआ का इस्तेमाल उनकी खासियत है, जो मिठाइयों के स्वाद को बेजोड़ बनाता है, उनके द्वारा बनाई गई मिठाइयां स्थानीय बाजार के साथ-साथ आसपास के जिलों में भी लोकप्रिय हैं. कई दुकानों और आयोजनों में भी मुकेश के हाथों से बना पेड़ा की मांग बढ़ती जा रही है.

उनकी मेहनत और परंपरा ने उन्हें सिर्फ मिठाई बनाने वाला नहीं बल्कि समाज में एक स्थापित ब्रांड बना दिया है. मुकेश की कहानी दिखाती है कि कैसे परिवार की विरासत को निभाते हुए भी आधुनिक सोच और गुणवत्ता के साथ कारोबार को सफल बनाया जा सकता है.

Prashun Singh

मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.

मीडिया में 6 साल का अनुभव है. करियर की शुरुआत ETV Bharat (बिहार) से बतौर कंटेंट एडिटर की थी, जहां 3 साल तक काम किया. पिछले 3 सालों से Network 18 के साथ हूं. यहां बिहार और झारखंड से जुड़ी खबरें पब्लिश करता हूं.

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सहरसा में यहां के पेड़ा का जबरदस्त क्रेज, रोजाना 50 kg चट कर जाते लोग


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