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सिर्फ सब्जी नहीं, पहाड़ की शान है गेठी! लकड़ी के चूल्हे पर पकते ही स्वाद हो जाता है लाजवाब – Uttarakhand News

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Method Of Making Gathi Ki Sabji : गेठी सिर्फ एक पहाड़ी सब्जी नहीं, बल्कि वहां की परंपरा और स्वाद की पहचान है. खास बात यह कि जब इसे लकड़ी के चूल्हे पर पकाया जाता है, तो इसकी खुशबू और स्वाद कई गुना बढ़ जाता है.यही देसी अंदाज़ इसे और भी लाजवाब बना देता है.

ऋषिकेश : पहाड़ी गेठी की सब्जी उत्तराखंड की लोक थाली की ‘जान’ मानी जाती है. यह सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि पहाड़ की संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक जीवनशैली का अनोखा प्रतीक है. सर्दियों में शरीर को गर्म रखने, ताकत देने और सेहतमंद बनाने के लिए पहाड़ी लोग इस सब्जी का खास तौर पर इस्तेमाल करते हैं. इसके स्वाद में मिट्टी की सोंधी खुशबू और पहाड़ की सादगी एक साथ महसूस होती है. गेठी की सब्जी बनाने का एक पारंपरिक तरीका आज भी पहाड़ी गांवों में उसी प्यार और अपनापन के साथ अपनाया जाता है, जिसमें मेहनत और धैर्य से बनी हर निवाला स्वाद और स्वास्थ्य दोनों देता है.

सबसे पहले गेठी को पकाने के लिए लकड़ी के चूल्हे का इस्तेमाल किया जाता है. गेठी को सीधे जलती लकड़ी के नीचे की तरफ रखा जाता है ताकि वह धीरे धीरे धुएं और लकड़ी की गर्मी में पक जाए. जब गेठी अच्छी तरह से नरम हो जाती है तो उसे निकालकर ठंडा किया जाता है. अब उसे छीला जाता है. छीलते वक्त हाथों में उसकी गर्माहट और मिट्टी की खुशबू दोनों एक साथ महसूस होती हैं. गांवों में इसे सिलबट्टे या लकड़ी के बने औजार से कूटा जाता है, जिससे उसकी बनावट और भी मुलायम और खिचड़ी जैसी हो जाती है.

गेठी की सब्जी बनाने की विधि
अब गेठी की सब्जी बनाने की असली प्रक्रिया शुरू होती है. एक लोहे की कढ़ाई में सरसों का तेल गर्म किया जाता है. तेल में जीरा, हींग और लहसुन का तड़का लगाया जाता है जो रसोई में खुशबू फैलाने के साथ भूख को भी बढ़ा देता है. फिर इसमें बारीक कटा हुआ प्याज और हरी मिर्च डालकर हल्का सुनहरा होने तक भूनते हैं. मसालों में हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च और नमक मिलाया जाता है. अब कूटी हुई गेठी को इसमें डालकर धीमी आंच पर अच्छी तरह से भूनते हैं.

धीमी आंच से निकलता है स्वाद
पहाड़ी रसोई की खासियत है कि खाना पकाने में जल्दबाजी नहीं की जाती. धीमी आंच पर पकाने से स्वाद और भी निखरकर आता है. इसे अच्छे से चलाते हुए कुछ देर तक भूनते हैं ताकि मसाले और गेठी का स्वाद आपस में पूरी तरह मिल जाए. कुछ लोग इसमें छाछ या दही भी मिलाते हैं जिससे इसका स्वाद खट्टा मीठा और भी स्वादिष्ट हो जाता है. जब सब्जी हल्की गाढ़ी और चिकनी हो जाती है तो इसे धनिया पत्ती से सजाकर गरम गरम परोसा जाता है. यह पहाड़ी रोटी, मंडुए की रोटी या चावल के साथ खूब स्वादिष्ट लगती है. पहाड़ी गेठी की सब्जी सिर्फ खाने की चीज नहीं बल्कि एक भावनात्मक अनुभव भी है

mritunjay baghel

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें

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पहाड़ की शान है गेठी! लकड़ी के चूल्हे पर पकते ही स्वाद हो जाता है लाजवाब


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