Last Updated:
मूंग दाल इडली की खासियत यह है कि इसमें चावल बिल्कुल नहीं होता. इसलिए यह हल्की बनती है और पचाने में भी बेहद आसान होती है. चावल की तुलना में मूंग दाल का पाचन अधिक सरल होता है, इस वजह से यह डिश उन लोगों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है जो हेल्दी और हल्के नाश्ते की तलाश में हैं.
आज के व्यस्त जीवन में हेल्दी और आसान नाश्ता ढूंढना चुनौती बन गया है. ऐसे में मूंग दाल इडली एक परफेक्ट विकल्प बनकर सामने आई है. यह डिश प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होने के साथ-साथ लो-फैट और लो-कार्ब भी है. बिना चावल के बनने वाली यह इडली पाचन के लिए हल्की होती है. सुबह के समय इसका सेवन पूरे दिन ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है. खासकर बच्चों के लिए यह हेल्दी ब्रेकफास्ट के रूप में बेहद उपयोगी मानी जा रही है. इसे घर पर आसानी से बनाया जा सकता है.
मूंग दाल इडली की खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए सबसे पहले पीली मूंग दाल को 2-3 घंटे भिगोना जरूरी होता है. इसके बाद भिगोई हुई दाल को अदरक और हरी मिर्च के साथ पीसकर बैटर तैयार किया जाता है. मूंग दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है. इस बैटर में सूजी और दही मिलाकर एक संतुलित मिश्रण तैयार होता है. घर पर यह बैटर बनाना आसान है और सेहत के लिहाज से भी बेहतर विकल्प है.
इडली का बैटर तैयार करने के बाद उसमें बेकिंग सोडा और नमक मिलाना आवश्यक होता है. यह न केवल बैटर को फूला बनाने में मदद करता है, बल्कि स्वाद भी बढ़ाता है. ध्यान रखें कि बेकिंग सोडा की मात्रा ज्यादा न हो, ताकि स्वाद में खटास न आए. संतुलित मात्रा में बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर बैटर को इडली सांचे में डाला जाता है. इसके बाद स्टीमर में 10-15 मिनट तक इडली पकाई जाती है. इस तरह हेल्दी और स्वादिष्ट इडली नाश्ते के लिए तैयार हो जाती है.
बागेश्वर की कुशल गृहिणी अनीता टम्टा ने Bharat.one को बताया कि मूंग दाल इडली को स्टीमर में पकाना बेहद आसान होता है. तैयार बैटर को इडली सांचे में डालकर ढककर 10-15 मिनट तक भाप में पकाया जाता है. इस प्रक्रिया से इडली मुलायम, पौष्टिक और हल्की बनती है. खास बात यह है कि इसमें चावल का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे यह जल्दी पचने वाली डिश बन जाती है. स्टीमर में पकाने से इडली का स्वाद बना रहता है और पोषक तत्व भी बरकरार रहते हैं. इसे परोसने से पहले राई और करी पत्ते के तड़के का स्वाद जोड़ें.
इडली को और भी स्वादिष्ट बनाने के लिए राई और करी पत्ते का तड़का दिया जाता है. हल्के तड़के से इडली में चटपटा स्वाद जुड़ता है, जो हर उम्र के लोगों को पसंद आता है. यह तड़का बनाने में भी बहुत आसान होता है. तेल में राई और करी पत्ते डालकर हल्का भूनें और तैयार इडली पर डालें. इससे इडली की खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं. तड़का लगाने से इडली खाने में और भी लजीज हो जाती है और खासकर बच्चों के लिए यह तरीका इडली को आकर्षक बनाता है.
मूंग दाल इडली को नारियल या मूंगफली की चटनी के साथ परोसने की परंपरा बनती जा रही है. नारियल की चटनी हल्की और स्वादिष्ट होती है, जबकि मूंगफली की चटनी प्रोटीन से भरपूर होती है. दोनों चटनियों में ताजगी और पौष्टिकता का संतुलन होता है. सांभर के साथ परोसने से यह नाश्ता और भी पूरा बन जाता है. खासकर छोटे बच्चों के लिए चटनी का स्वाद इडली के साथ उनकी रुचि को बढ़ाता है. यह संपूर्ण नाश्ता स्वास्थ्य और स्वाद का बेहतरीन मेल बन जाता है.
मूंग दाल इडली की खासियत यह है कि इसमें चावल बिल्कुल नहीं होता. इसलिए यह हल्की बनती है और पचाने में बेहद आसान होती है. चावल की तुलना में मूंग दाल का पाचन अधिक सरल होता है, इस वजह से यह डिश उन लोगों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है जो चावल के ज्यादा सेवन से बचना चाहते हैं. हेल्दी नाश्ते के रूप में इसे अपनाने से पेट को भारीपन नहीं होता और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है. वजन नियंत्रण में भी यह एक उत्तम विकल्प साबित होती है.
स्वास्थ्य और स्वाद का बेहतरीन कॉम्बिनेशन लेकर आई यह मूंग दाल इडली हर किचन में ट्राई करने लायक है. यह डिश न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि जल्दी बनती है. आप चाहें तो इसे सप्ताह में एक-दो बार अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए यह एक स्वस्थ और टेस्टी ऑप्शन बनकर उभरी है. हल्की तली हुई चटनी और सांभर के साथ परोसने से यह और भी संतुलित बनती है. घर पर बनाना आसान है और समय भी ज्यादा नहीं लगता, इसलिए इसे जरूर अपनाएं.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/recipe-moong-dal-idli-best-in-taste-and-nutrition-in-healthy-breakfast-digestion-snacks-idea-know-recipe-local18-ws-kl-9615387.html