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Bhilwara Special Kachouri: सुनील ओझा ने Bharat.one से खासबात करते हुए बताया हैं कि बाजारों में जो कचोरी मिलती है वह सुबह से शाम तक खत्म हो जाती है. लेकिन हमने कुछ नया बनाने का सोचा और घर में बैठे-बैठे ऐसे ही ख्याल…और पढ़ें
ढाई इंच की कचोरी
हाइलाइट्स
- भीलवाड़ा में लोकप्रिय हैं ढाई इंच की कचौरी और समोसे
- कचौरी में घर के बने सूखे मसाले डालने से यह लंबे समय तक नहीं होती खराब
- अमेरिका, फ्रांस, और रूस तक है कचौरी की डिमांड
भीलवाड़ा. वैसे तो आपने विभिन्न वैरायटी की चटपटे स्वाद की कचोरी का स्वाद लिया होगा औऱ कचोरी की साइज से आप अच्छे से वाकिफ भी होंगे लेकिन क्या आपने कभी सुना है की कचोरी ढाई इंच की भी होती है. भीलवाड़ा में ढाई इंच की कचौरी और समोसे ने भीलवाड़ा शहर वासियों अपने स्वाद का दीवाना बनाया हुआ हैं. इस कचौरी की डिमांड ना केवल भीलवाड़ा बल्कि अन्य देशों में भी हो रही है खासबात यह हैं की कचौरी-समोसों में सूखे मसाले डाले जाते हैं जिसके कारण यह लम्बे समय तक खराब नहीं होतीं हैं.
कुछ नया ट्राई करने के सोच से हुई शुरुआत
भीलवाड़ा शहर के प्रताप टॉकीज के निकट मथुरा लाल नमकीन के नाम से दुकान लगाने वाले सुनील ओझा ने Bharat.one से खासबात करते हुए बताया हैं कि बाजारों में जो कचोरी मिलती है वह सुबह से शाम तक खत्म हो जाती है. लेकिन हमने कुछ नया बनाने का सोचा और घर में बैठे-बैठे ऐसे ही ख्याल आया कि कुछ नया ट्राई किया जाए. इसको देखते हुए हमने ढाई इंच की छोटी कचोरी और समोसा बनाना शुरू कर दिया.
गर्मी के मौसम में 3 महीने तक नही होता खराब
इस कचौरी में विशेष रूप से हमारे घर में ही तैयार किए गए सूखे मसाले डाले जाते हैं. जिससे इसका स्वाद अन्य कचौरी के मुकाबले अलग हो जाता है. ऐसे ही ढाई इंच के समोसे बनाने भी शुरू कर दिए जो हुबहू इसी प्रक्रिया से बनते हैं. लेकिन स्वाद में वह चटपटे होते हैं. इस कचोरी समोसे की सबसे बड़ी खास बात यह है कि गर्मी के मौसम में 3 महीना तक खराब नहीं होते हैं इसका स्वाद ऐसा है कि जो भी व्यक्ति एक बार इसका स्वाद चखता है तो वह बार-बार इसे लेकर जाता है.
हर कहीं इस कचोरी की डिमांड
ढाई इंच की कचोरी में घर पर बने सूखे मसाले का इस्तेमाल करने के कारण लंबे समय तक खराब नहीं होने के कारण लोग इसे अलग-अलग राज्य में भी लोग लेकर जाते हैं. रामेश्वरम से लेकर कन्याकुमारी तक लोग यह कचोरी यहां से पैक करवा कर लेकर जाते हैं. यही नहीं इस कचोरी की डिमांड अमेरिका , फ्रांस , रुस तक भी है. इस कचोरी व समोसे के कीमत की बात की जाए तो यह कचोरी समोसे 320 रुपए प्रति किलो के भाव से मिलती है
तोहफे के रूप में देते हैं यह नमकीन कचौरी
गौतम ओझा बताते हैं कि हर त्यौहार के समय अपने घर की बहन बेटियों को मिठाई के तौर पर तोहफे दिए जाते हैं. लेकिन उस वक्त हमने सोचा की मिठाई नहीं देकर कुछ नया ट्राई किया जाए और सोचते सोचते इस तरह की कचोरी बनाने का हमारे मन में ख्याल आया और हमने यह कचोरी समोसा बनाकर तोहफे के रूप में अपनी बहन बेटियों को भेजी और उन्हें भी यह काफी पसंद आई. इसके बाद यह लगातार हमारे यहां पर बनती हुई आ रही है.
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