Last Updated:
Healthy salt for navratri fasting: नवरात्रि व्रत में सेंधा नमक का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है, क्योंकि यह ज्यादा नेचुरल और मिनरल्स से भरपूर होता है. यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, पाचन सुधारने और बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करता है. हालांकि, इसमें आयोडीन बहुत कम होता है, इसलिए रोजाना के खाने में सफेद नमक भी जरूरी है. दोनों नमकों का सही बैलेंस हेल्थ के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.

सेंधा नमक क्या है?
सेंधा नमक पूरी तरह नेचुरल खनिज नमक है, जिसे समुद्र या पहाड़ों की खदानों से निकाला जाता है. इसे बनाने में कोई केमिकल प्रोसेस नहीं होती, इसलिए इसके अंदर मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, जिंक और आयरन जैसे 80 से ज्यादा ट्रेस मिनरल्स मौजूद रहते हैं. इसका रंग हल्का गुलाबी या ग्रे होता है, इसी वजह से इसे “पिंक सॉल्ट” भी कहा जाता है. आयुर्वेद में इसे सबसे शुद्ध नमक माना गया है और कहा गया है कि यह शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन सुधारने में मदद करता है. इसी कारण व्रत या उपवास के दिनों में सेंधा नमक का सेवन ज्यादा शुभ और हेल्दी माना जाता है.
सेंधा नमक और सफेद नमक में फर्क
सफेद नमक समुद्र के पानी से तैयार किया जाता है. इसे बनाने के दौरान कई प्रोसेस से गुजारा जाता है और इस प्रोसेस में इसके कई नेचुरल मिनरल्स खत्म हो जाते हैं. बाद में इसमें आयोडीन मिलाया जाता है जो थायराइड जैसी बीमारी से बचाव में मदद करता है. लेकिन सफेद नमक में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है और ज्यादा सोडियम हाई ब्लड प्रेशर, वाटर रिटेंशन और हार्ट प्रॉब्लम का खतरा बढ़ा सकता है. सेंधा नमक में सोडियम की मात्रा थोड़ी कम होती है और इसमें कोई केमिकल मिक्स नहीं किया जाता, इसलिए यह ज्यादा हेल्दी ऑप्शन माना जाता है, खासकर तब जब आप डिटॉक्स और हल्का खाना चाहते हैं.
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखे: इसमें सोडियम कम होने से बीपी हाई होने की दिक्कत कम होती है.
- मिनरल्स से भरपूर: इसमें 80+ ट्रेस मिनरल्स होते हैं जो बॉडी को पोषण और एनर्जी देते हैं.
- पाचन सुधारे: यह डाइजेशन बेहतर करता है और गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी दिक्कत कम करता है.
- डिटॉक्सिफिकेशन: बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है जिससे स्किन ग्लो करती है और हेल्थ बेहतर रहती है.
- नेचुरल टेस्ट: व्रत की डिश में यह हल्का और सॉफ्ट स्वाद देता है, जिससे खाना ज्यादा टेस्टी लगता है.
सेंधा नमक का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें आयोडीन बहुत कम होता है. आयोडीन थायराइड ग्रंथि के सही काम करने और बच्चों में दिमाग के विकास के लिए जरूरी है. अगर लंबे समय तक सिर्फ सेंधा नमक खाएंगे तो शरीर में आयोडीन की कमी हो सकती है जिससे थायराइड और गॉइटर जैसी दिक्कत हो सकती है.
सही बैलेंस क्या है?
- व्रत, उपवास या डिटॉक्स डाइट में सेंधा नमक का इस्तेमाल करें ताकि बॉडी क्लीन और हल्की महसूस करे.
- रोजाना के खाने में आयोडीन वाला सफेद नमक लें ताकि शरीर को जरूरी आयोडीन मिलता रहे.
- किसी भी नमक का ज्यादा सेवन न करें क्योंकि ज्यादा नमक से हाई बीपी और किडनी की दिक्कत हो सकती है.
- हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिनभर में 5 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए.
सेंधा नमक प्राकृतिक और मिनरल्स से भरपूर है, इसलिए व्रत और उपवास में यह सफेद नमक से बेहतर विकल्प है. लेकिन इसकी आयोडीन की कमी को देखते हुए इसे रोजमर्रा के खाने का हिस्सा बनाना समझदारी नहीं है. सबसे अच्छा तरीका यही है कि व्रत के दौरान सेंधा नमक और नॉर्मल दिनों में आयोडीन युक्त सफेद नमक का बैलेंस बनाकर इस्तेमाल करें. इससे आप हेल्थ के लिए भी सही रहेंगे और शरीर को जरूरी मिनरल्स भी मिलते रहेंगे.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-sendha-namak-vs-white-salt-navratri-2025-why-used-health-benefits-minerals-iodine-tips-for-fasting-ws-kl-9649639.html