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Kadhi chawal khane ke fayde aur nuksan: हर उम्र में लोग कढ़ी-चावल खाना पसंद करते हैं. देशभर में कई तरीके से बनाई जाती है कढ़ी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये फायदे के साथ ही कुछ नुकसान भी सेहत को पहुंचा सकती है. जी हां, गलत समय पर गलत मात्रा में कढ़ी-चावल का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. चलिए जानते हैं कैसे?
Kadhi chawal khane ke fayde aur nuksan: जब घर में कोई हरी सब्जी नहीं होती या फिर दाल-चावल खाने का मन नहीं करता है, तो काफी लोग कढ़ी-चावल बनाकर खाते हैं. कम समय में बनने वाली कढ़ी, स्वाद में जबरदस्त होती है. गर्मा गरम एक प्लेट कढ़ी चावल खाकर जैसे मन तृप्त हो जाता है. उत्तर भारत का पारंपरिक डिश है कढ़ी-चावल. इसे अधिकतर लोग खाना पसंद करते हैं. कढ़ी बनाना भी बेहद आसान है. हालांकि, अलग-अलग राज्यों में डिफरेंट इंग्रीडिएंट्स डालकर भी कढ़ी बनाई जाती है. स्वाद के साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. कढ़ी एक प्रोबायोटिक व्यंजन है, क्योंकि इसमें दही होता है. दही पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए बेहद जरूरी फूड है. चलिए जानते हैं कढ़ी खाने के फायदे-नुकसान और सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
-कढ़ी की तासीर गर्म होती है, लेकिन दही की वजह से ये पौष्टिक हो जाती है. इसके अलावा, कढ़ी को डिटॉक्स व्यंजन भी मान सकते हैं, क्योंकि कढ़ी में मौजूद करी पत्ता, हींग और हल्दी पेट को साफ करती है. आंतों में मौजूद बुरे बैक्टीरिया का भी नाश करती हैं. कब्ज में राहत देती है.
-कढ़ी-चावल हल्का और सात्विक भोजन होता है. कढ़ी में तले हुए पकौड़ों का इस्तेमाल न करें और हरी पत्तेदार सब्जी जैसे पालक, बथुआ या मेथी का डालें तो कढ़ी को और पौष्टिक बनाया जा सकता है. चावल के साथ इसका कॉम्बिनेशन पेट को ठंडा रखता है.
कढ़ी-चावल खाने के नुकसान
गलत समय पर कढ़ी-चावल खाने से आपकी सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, कफ की समस्या में कढ़ी-चावल नहीं खाना चाहिए. कढ़ी में दही होता है, जो कफ को और भी अधिक बढ़ा सकता है. जुकाम में भी कढ़ी का सेवन न करें. डायबिटीज के मरीज को कढ़ी-चावल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये फूड ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकता है. चावल का सेवन भी शुगर के मरीजों को नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, रात में दही या दही से बने व्यंजन का सेवन नहीं करना चाहिए. हमेशा फ्रेश बनी कढ़ी ही खाएं, फ्रिज में रखी पुरानी कढ़ी के सेवन से बचना चाहिए. बासी कढ़ी पेट में गैस और कब्ज की समस्या को बढ़ा सकती है.
अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ…और पढ़ें
अंशुमाला हिंदी पत्रकारिता में डिप्लोमा होल्डर हैं. इन्होंने YMCA दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म की पढ़ाई की है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से काम कर रही हैं. न्यूज 18 हिंदी में फरवरी 2022 से लाइफस्टाइ… और पढ़ें
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