Ragi Consumption In India: आजकल हेल्दी खाने की बात हो तो सबसे पहले मिलेट्स का नाम आता है. इनमें भी रागी ऐसा अनाज है जिसे लोग सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए पूरी तरह अपनाते हैं. रागी को फिंगर मिलेट भी कहा जाता है और यह कैल्शियम, आयरन, फाइबर और प्रोटीन का शानदार स्रोत है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि रागी भारत में कोई नया ट्रेंड नहीं है. दक्षिण भारत में तो लोग सदियों से रागी का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहां के कई परिवारों में रागी रोजमर्रा की थाली का हिस्सा है. सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर के खाने और रात के हल्के भोजन तक रागी किसी न किसी रूप में जरूर शामिल होता है. रागी की खासियत सिर्फ यह नहीं कि यह पौष्टिक है, बल्कि यह भी कि यह गर्मी, बरसात और सूखे जैसे मौसमों में आसानी से उग जाता है. इसलिए दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसे किसानों का भरोसेमंद अनाज माना जाता है. समय के साथ जब हेल्दी खाने का ट्रेंड बढ़ा तो रागी पूरे देश में फेमस हो गया, लेकिन फिर भी आज भी कुछ राज्य ऐसे हैं जहां इसकी लोकप्रियता सबसे ज्यादा है. यहां रागी सिर्फ खाने की चीज नहीं, बल्कि संस्कृति और परंपरा का हिस्सा माना जाता है. इस आर्टिकल में जानेंगे कि भारत में कौन-से राज्य सबसे ज्यादा रागी खाते हैं और क्यों इन जगहों के लोग रागी के बिना रह ही नहीं पाते.
इन 3 राज्यों में सबसे ज्यादा खाया जाता है रागी
1. कर्नाटक भारत का रागी हब
कर्नाटक को भारत का रागी हब कहा जाता है क्योंकि देश में सबसे ज्यादा रागी यहीं खाया और उगाया जाता है. यहां रागी सिर्फ एक आटा नहीं, बल्कि लोगों की लाइफ का अहम हिस्सा है. खासकर मैसूर, तुमकुर, रामनगर और चिक्काबल्लापुर में रागी हर घर की थाली में मौजूद होता है. यहां की सबसे फेमस डिश है रागी मुड्डे, जिसे लोग एनर्जी बूस्टर की तरह खाते हैं. इसके अलावा रागी रोटी, रागी डोसा, रागी माल्टी और रागी लड्डू भी बहुत लोकप्रिय हैं. गांवों में दोपहर का खाना रागी मुड्डे के बिना अधूरा माना जाता है, क्योंकि यह पेट भरता है, ताकत देता है और गर्मी में शरीर को ठंडक भी देता है. यही वजह है कि कर्नाटक रागी खाने और उगाने दोनों में सबसे आगे रहता है.
2. तमिलनाडु में रागी का अनोखा प्यार
तमिलनाडु में रागी को केझवरगु-कहा जाता है और यहां इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता है. यहां लोग रागी को बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद मानते हैं. तमिलनाडु में बनने वाली रागी की डिशेज भी काफी शानदार होती हैं-जैसे रागी पुट्टू, रागी कोलुकट्टई, रागी कूझ-(एक नेचुरल एनर्जी ड्रिंक), रागी इडली और रागी डोसा. यहां सदियों से रागी को ऐसा अनाज माना गया है जो गर्मियों में एनर्जी देता है और सर्दियों में शरीर को मजबूत रखता है. कई ग्रामीण और जनजातीय समुदाय आज भी रागी को मुख्य भोजन की तरह खाते हैं. उनके लिए यह सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि ताकत और सेहत का भरोसा है.
3. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना-रागुलु के बिना भोजन अधूरा
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रागी को रागुलु-कहा जाता है और यहां इसका उपयोग बेहद आम है. यहां लोग रागुलु को महिलाओं और बच्चों के लिए सबसे अच्छा अनाज मानते हैं क्योंकि यह शरीर को मजबूत बनाता है और पाचन में भी हल्का रहता है. यहां की लोकप्रिय डिशेज हैं-रागुलु संगाती, रागुलु जावा-(एक नेचुरल ड्रिंक) और रागुलु लड्डू. इन दोनों राज्यों में गर्म मौसम और खेती की परिस्थितियों के कारण रागी हमेशा से किसानों की पहली पसंद रहा है. यहां कई गांवों में लोग सुबह का दिन रागुलु जावा से शुरू करते हैं क्योंकि यह शरीर को पूरे दिन एनर्जी देता है.

रागी इन राज्यों में ही क्यों इतना खास है?
-कम पानी में भी आसानी से उग जाता है
-गर्मी और सूखे वाले इलाकों की पहली पसंद
-पचना आसान और शरीर को तुरंत एनर्जी देता है
-कैल्शियम और आयरन से भरपूर
-बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद फायदेमंद
-मोटे अनाजों में सबसे संतुलित पोषण
अगर पूरे भारत में पूछा जाए कि रागी सबसे ज्यादा कहां खाई जाती है, तो जवाब है-कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश/तेलंगाना. इन तीनों जगहों में रागी सिर्फ भोजन नहीं, बल्कि लोगों की संस्कृति, सेहत और इतिहास का जरूरी हिस्सा है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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