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UP Street Food: गाजीपुर की इस दुकान की पकौड़ी खाने आसपास के जिलों से आते हैं लोग, टेंट के नीचे लेते हैं स्वाद

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गाजीपुर: गाजीपुर की गलियों में एक अनोखी पकौड़ी की दुकान है, जो पिछले दो पीढ़ियों से छत के बिना चल रही है. मजे की बात है इस दुकान का कोई नाम भी नहीं है. यहां बनने वाला आटा गुंबद के आकार से भी बड़ा होता है. हर दिन सुबह से लेकर शाम तक, लोग इस दुकान पर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. टेंट के नीचे एक चौकी पर रखी गई ये पकौड़ियां, अद्भुत स्वाद लिए होती हैं, जिन्हें खाने के लिए लोग बेचैन रहते हैं.

इमली की चटनी से दोगुना हो जाता है पकौड़ी का स्वाद
इस दुकान की खासियत केवल पकौड़ियां नहीं हैं, बल्कि यहां की चटनी भी लोगों को बहुत लुभाती है. इमली और लहसुन से बनी इस चटनी का स्वाद ऐसा है कि लोग बार-बार इसे चखने के लिए आते हैं. इस पकौड़ी की दुकान पर हर दिन लगभग 400से 500 लोग आते हैं. बनारस से लेकर कानपुर तक, हर कोई यहां की पकौड़ियों का दीवाना है.

दो पीढ़ियों से बिना छत के है यह दुकान
दुकान के मालिक Bharat.one टीम को बताते हैं, ‘हमारी दुकान की खासियत यह है कि हम अपने परंपरागत तरीके से इसे चलाते आ रहे हैं. ना कोई छत, ना कोई दीवार, सिर्फ हमारे जुनून और स्वाद के साथ.’ यह पकौड़ी केवल खाने का सामान नहीं, बल्कि एक अनुभव है जो लोगों को जोड़ता है. तभी दूर-दूर से लोग इसके स्वाद में बंधे चले आते हैं.

जिले की सबसे अच्छी पकौड़ी यही मिलती है
हर सीजन में लोग इस अनोखी पकौड़ी के लिए बेताब रहते हैं. जैसे ही टेंट के नीचे गुंबदाकार आटा तला जाता है, उसकी खुशबू चारों ओर फैल जाती है. लोग एक-दूसरे से चर्चा करते हैं कि कौन सी पकौड़ी सबसे अच्छी है और किसके साथ चटनी का मजा लेना है. यह कहानी न केवल पकौड़ी की है, बल्कि इस दुकान के माध्यम से उस पारंपरिक संस्कृति की भी है, जो बिना किसी दीवार के एक दूसरे के साथ जुड़ी है. गुंबद पकौड़ी की दुकान का यह सफर आज भी जारी है और यह हमें याद दिलाता है कि असली स्वाद और परंपरा हमेशा जीवित रहती है.


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