वसीम अहमद /अलीगढ़.आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में तनाव (स्ट्रेस) एक आम समस्या बन गया है, जिसका नकारात्मक असर हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. तनाव को दूर करने के लिए कई तरीके हैं, लेकिन माइंडफुलनेस यानी साक्षीभाव या आत्म-जागरूकता एक बेहद प्रभावी और सरल तरीका है. माइंडफुलनेस एक मानसिक अवस्था है जिसमें हम वर्तमान क्षण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करते हैं, बिना किसी जजमेंट के यह हमें हमारे विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं को स्वीकार करने और समझने में मदद करता है.
जानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवहार लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की मनोवैज्ञानिक डॉ फिरदोस जहां ने बताया कि माइंडफुलनेस के नियमित अभ्यास से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे मन में शांति और स्थिरता आती है. इसके अभ्यास के लिए ध्यान, श्वास-प्रश्वास तकनीक और दिमाग को वर्तमान क्षण में रखने के तरीके शामिल हैं. स्ट्रेस बच्चों, बड़ो या बुज़ुर्गो मे किसी मे भी हो सकता है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स का भी अहम रोल देखने को मिलता है.
डी-स्ट्रेस क्या है?
डॉ फिरदोस जहां ने कहा कि डी-स्ट्रेस का अर्थ है तनाव या दबाव को कम करना. आधुनिक जीवनशैली में काम, रिश्ते, पढ़ाई, वित्तीय समस्याएं और अन्य जिम्मेदारियां हमारे ऊपर कई तरह के तनाव डालते हैं, जिससे मन और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. डी-स्ट्रेस उन तरीकों और प्रक्रियाओं का समूह है जिनका उपयोग व्यक्ति अपने मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के लिए करता है. डी-स्ट्रेस का उद्देश्य न केवल तनाव के स्तर को घटाना है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित करना भी है. डी-स्ट्रेस करने के कई तरीके हैं. जैसे कि व्यायाम, ध्यान, संगीत सुनना, पर्याप्त नींद लेना और शौक पूरे करना. इन सभी गतिविधियों का मकसद यह है कि हम थोड़े समय के लिए अपने कामों और चिंताओं से दूर हो सकें और मानसिक शांति पा सकें.
माइंडफुलनेस के फायदे
माइंडफुलनेस, यानी वर्तमान क्षण में पूरी जागरूकता के साथ जीना, हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद है. जैसे कि तनाव कम करना. माइंडफुलनेस का अभ्यास हमारे मन को शांत करता है और तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है. यह हमें मानसिक स्पष्टता और स्थिरता प्रदान करता है. यह एकाग्रता में सुधार करता है. माइंडफुलनेस से ध्यान और एकाग्रता में सुधार होता है. इससे हम किसी भी काम पर बेहतर फोकस कर पाते हैं, जिससे कार्यक्षमता बढ़ती है. इससे नींद में सुधार होता है. नियमित माइंडफुलनेस अभ्यास से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है. इससे मन को शांति मिलती है, जिससे अनिद्रा और बेचैनी जैसी समस्याएं कम होती हैं. माइंडफुलनेस का उपयोग शारीरिक दर्द के प्रबंधन में भी सहायक साबित हुआ है.इससे दर्द के प्रति जागरूकता बढ़ती है और उसकी तीव्रता को सहना आसान होता है.माइंडफुलनेस के इन फायदों के कारण यह आजकल तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं से निपटने के लिए एक प्रभावी उपाय बन गया है.इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य और समग्र जीवन-स्तर में सुधार होता है.
FIRST PUBLISHED : October 29, 2024, 14:14 IST
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