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आयुर्वेदिक टॉनिक से कम नहीं है यह पौधा, पथरी गलाकर करता है बाहर, पाचन की समस्या को भी करता है दूर – Rajasthan News

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Bhumi Amla Health Benefits: भूमि आंवला एक प्राकृतिक औषधीय जड़ी-बूटी है, जो किडनी स्टोन, लीवर और पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए बेहद असरदार है. इसके पत्तों का रस और पाउडर पथरी गलाने, लीवर को डिटॉक्स करने और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शरीर को संक्रमण से बचाते हैं.

भूमि आंवला एक छोटी सी जड़ी-बूटी है जो खेतों और रास्तों के किनारे आसानी से मिल जाती है. इसके पत्तों के नीचे मोती जैसे दाने लगे होते हैं. देखने में साधारण लगने वाला यह पौधा वास्तव में आयुर्वेद में वरदान माना जाता है. इसे गांवों में स्टोन ब्रेकर भी कहा जाता है, क्योंकि यह किडनी स्टोन जैसी गंभीर बीमारी को दूर करता है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि भूमि आंवला को प्राकृतिक पत्थर तोड़ जड़ी-बूटी कहा जाता है. इसका नियमित सेवन पथरी को गलाकर बाहर निकाल देता है. यह किडनी को स्वस्थ रखने में बहुत सहायक है. यह पथरी से होने वाले दर्द और तकलीफ में राहत पहुंचाता है. यही कारण है कि इसे ग्रामीण क्षेत्रों में पथरी का रामबाण इलाज माना जाता है.

लीवर के इलाज में भी भूमि आंवला बेहद फायदेमंद है. इसके ताजे पत्तों का रस सुबह खाली पेट लेने से लीवर मजबूत होता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं. यह हेपेटाइटिस, फैटी लिवर और पीलिया जैसी समस्याओं से राहत देता है. इसके उपयोग से अनेकों आयुर्वेदिक दवा और लिवर टॉनिक भी बनाई जाती है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर के अनुसार, भूमि आंवला पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है. इसके सेवन से एसिडिटी, कब्ज और पेट की सूजन जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इसके अलावा यह भूख बढ़ाने में भी सहायक है. इसके नियमित रूप से उपयोग में लेने पर यह शरीर की पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में इसे प्राकृतिक पाचक औषधि माना जाता है.

इस जड़ी-बूटी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर शरीर को संक्रमण से बचाती है. सर्दी-जुकाम और वायरल इंफेक्शन में इसका सेवन लाभकारी है. इसके नियमित उपयोग से शरीर की ऊर्जा बनी रहती है और थकान दूर होती है. इसे शरीर को स्वस्थ रखने वाला प्राकृतिक टॉनिक कहा जा सकता है.

भूमि आंवला का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है. इसके ताजे पत्तों का रस दूध में मिलाकर पिया जा सकता है. इसके अलावा सूखे पत्तों का पाउडर बनाकर शहद या पानी के साथ लिया जा सकता है. इसके अलावा, इसका काढ़ा बनाकर पीना भी फायदेमंद है. हर रूप में यह शरीर के लिए फायदेमंद है.

खेत-खलिहानों में आसानी से मिलने वाला भूमि आंवला किसी आयुर्वेदिक टॉनिक से कम नहीं है. किडनी स्टोन से लेकर लीवर और पाचन संबंधी रोगों तक यह छोटी सी बूटी बड़े-बड़े रोगों का इलाज करती है. ऐसे में यह देसी जड़ी-बूटी भूमि आंवला शरीर के लिए असली खजाने से कम नहीं है.

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औषधीय गुणों की खान है यह साधरण सा पौधा, पथरी गलाकर कर देगा बाहर


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