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Homemade Remedy to Increase immunity: आयुर्वेद में अमृत बेल कहलाने वाली गिलोय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में बेहद उपयोगी है. इसे घर की बालकनी में आसानी से उगाया जा सकता है. सतना में लोग इसे “घरेलू डॉक्टर” मानकर अपना रहे हैं.
Winter Gardening Tips. आयुर्वेद में अमृत बेल के नाम से प्रसिद्ध गिलोय आज के समय में हर घर की जरूरत बन गई है. इसके पत्तों से लेकर जड़ों तक में औषधीय गुण भरे हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सुधार तक हर स्तर पर लाभदायक हैं. खास बात यह है कि गिलोय को आप घर की बालकनी या छत पर गमले में भी आसानी से उगा सकते हैं और एक बार लगाने के बाद यह लंबे समय तक चलता है. सतना में बढ़ती आयुर्वेदिक जागरूकता के बीच लोग अब इसे घरेलू डॉक्टर के रूप में अपना रहे हैं. Bharat.one से बातचीत में रोपणीय प्रभारी विष्णु कुमार तिवारी ने बताया कि गिलोय लगाने की प्रक्रिया बेहद आसान है बस सही मिट्टी, हल्की धूप और थोड़ी देखरेख की जरूरत है. इस सर्दी के मौसम में जब संक्रमण बढ़ने का खतरा रहता है तब यह अमृत बेल प्राकृतिक सुरक्षा कवच बन सकती है.
गमले में कैसे लगाएं गिलोय
Bharat.one को जानकारी देते हुए रोपणीय प्रभारी विष्णु कुमार तिवारी ने बताया कि गिलोय को गमले में लगाना बेहद सरल है. लगभग 6 से 8 इंच लंबी और मोटी बेल की हरी शाखा काटकर उसे दो घंटे तक पानी में भिगो दें. इसके बाद 10-12 इंच गहराई वाला गमला लें जिसमें पानी निकलने के लिए छेद हो. मिट्टी में 20% गोबर की खाद और 20% बालू मिलाकर मिश्रण तैयार करें. अब गिलोय की कटिंग को लगभग एक इंच गहराई में दबाकर हल्का पानी डालें और गमले को हल्की धूप वाली जगह पर रखें. करीब 15-20 दिनों में यह बेल जड़ पकड़ लेती है और धीरे-धीरे फैलने लगती है.
देखभाल और पोषण के छोटे उपाय
गिलोय का पौधा बेहद कम देखरेख में भी अच्छा बढ़ता है. इसमें कीड़े लगने की संभावना बहुत कम होती है इसलिए कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती. चूंकि यह बेलदार पौधा है इसलिए इसे किसी सहारे की आवश्यकता होती है. इसे नीम या आम के पेड़ के पास लगाने से इसके औषधीय गुण और बढ़ जाते हैं. महीने में एक बार इसमें खाद डालना पर्याप्त होता है. बाज़ार में गिलोय के डंठल 20 रुपये किलो तक आसानी से उपलब्ध हैं जिससे लोग घर में ही इस औषधीय पौधे को उगाने का चलन अपना रहे हैं.
गिलोय का पौधा न केवल स्वास्थ्य के लिए वरदान है बल्कि इसे घर में रखना पॉजिटिव एनर्जी का सिंबल भी माना जाता है. सतना के कई परिवार अब इसे अपनी बालकनी या आंगन में लगाकर स्वास्थ्य का साथी बना चुके हैं. इस सर्दी में जब रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे अधिक मायने रखती है तब गिलोय का पौधा हर घर में देसी सुरक्षा कवच साबित हो सकता है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-giloy-plant-benefits-and-know-how-to-grow-in-pot-extremely-useful-in-boosting-immunity-and-detoxifying-body-local18-9805236.html
