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Ballia: मौसम बदल रहा है, इस मौसम में अपने खान-पान से लेकर जीवनशैली तक में इस प्रकार के बदलाव करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है. ये छोटी लेकिन जरूरी बातें आपको रोगों से बचाएंगी.
ऋतुराज वसंत में करें यह काम नहीं होंगे बीमार…
हाइलाइट्स
- वसंत ऋतु में हल्का और सुपाच्य भोजन करें.
- ठंडी चीजों और फास्ट फूड से दूर रहें.
- सूर्योदय से पहले टहलना सेहत के लिए लाभकारी.
बलिया: आयुर्वेद कहता है, “वसंते भ्रमणे पथ्यम”, वसंत ऋतु में टहलना और अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है. यह ठंडी और गर्मी के बीच का मौसम बड़ा सुहाना होता है. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वसंत ऋतु में आयुर्वेद ने विशेष मार्गदर्शन दिया है. वसंत ऋतु शुरू होते ही कुछ आम रोग परेशान करने लगते हैं, जिनसे बचाव के आसान उपाय आयुर्वेद में बताए गए हैं. आइए विस्तार से जानते हैं.
खाने-पीनें में करें बदलाव
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, नगर बलिया की सात साल अनुभवी (एमडी और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा, ‘वसंत ऋतु शुरू हो चुकी है. इसी वसंत को ऋतुराज यानी ऋतुओं का राजा कहा जाता है. ठंडी खत्म होने के बाद यह ऋतु मार्च से मई के अंत तक चलती है. इसके बाद ग्रीष्म ऋतु आती है. ठंडी और गर्मी के बीच का समय ही वसंत होता है. सर्दियों में लोग बहुत भारी-भरकम खाना खाते हैं, जो इस मौसम में बंद कर देना चाहिए.’
इन चीजों से रहें दूर
ठंडी खत्म होने के बाद अब तेज धूप के कारण शरीर की व्याधियां पिघलने लगती हैं, यानी सर्दी, खांसी और कफ जैसे तमाम रोग होने लगते हैं. इस मौसम में केवल थोड़ा सा बदलाव करने से कई बीमारियां शरीर से दूर हो जाती हैं. बहुत हल्का, सुपाच्य और बिल्कुल ताजा भोजन का सेवन करना चाहिए. इस दौरान आयुर्वेद में बासी चावल, गेहूं जैसे अनाज को खाने से मना किया गया है.
इनका करें सेवन
इस समय मूंग, चने और अरहर की दाल का सेवन बेहद लाभकारी होता है. आप मूली, गाजर, पालक, जिमीकंद, केले के फूल और हरे केले की सब्जी खा सकते हैं. इस मौसम में दही का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. अगर खाने का मन करे तो दही में काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर सेवन किया जा सकता है. चीनी का सेवन बिल्कुल न करें, आंवला खाएं. सोंठ, पिप्पली और काली मिर्च को पानी में उबालकर या भोजन के साथ लिया जा सकता है.
ठंडी चीजों से बनाएं दूरी
इस मौसम में भूख कम लगती है. इसके लिए अदरक के रस में सेंधा नमक मिलाकर खाने से पहले चाट लें. इस समय बाजार में आइसक्रीम और ठंडी चीजें आसानी से उपलब्ध होती हैं, जो बहुत हानिकारक हैं. फास्ट फूड को हाथ भी न लगाएं. हल्का व्यायाम करने और टहलने से शरीर को अत्यधिक लाभ मिलता है.
टहलना है जरूरी
आयुर्वेद कहता है, “वसंते भ्रमणे पथ्यम”—वसंत में भ्रमण करना सेहत के लिए वरदान है. सूर्योदय से पहले टहलना बहुत लाभकारी होता है. हर दिन सरसों के गुनगुने तेल से शरीर की मालिश कर गुनगुने पानी से स्नान करें. वसंत ऋतु में अवटन (सरसों के दानों को पीसकर) लगाने का विशेष महत्व है. इस समय आयुर्वेदिक काजल का प्रयोग करना चाहिए, दिन में बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए. रात में जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना फायदेमंद होता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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