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Health Tips : ऊंचे पहाड़ों में उगने वाला ये दुर्लभ मसाला अपने औषधीय गुणों के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. पोटैशियम, फाइबर और विटामिन्स से भरपूर यह ‘खुशबू का राजा’ वजन और कोलेस्ट्रॉल दोनों को नैचुरल तरीके से नियंत्रित करने में बेहद कारगर है. इसे गर्म पानी के साथ या रातभर भिगोकर इस्तेमाल करने पर पाचन सुधरता है, पेट हल्का रहता है.
देहरादून : सब्जी और दाल का स्वाद बढ़ाने में इस्तेमाल होने वाला जीरा तो हर घर में मिलता है, लेकिन इसके एक खास रूप काला जीरा को पर्वतीय क्षेत्रों में ‘खुशबू का राजा’ कहा जाता है. उत्तराखंड के पहाड़ों में जन्मा यह मसाला न सिर्फ खुशबूदार है, बल्कि पोषण और औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसमें पोटैशियम, फाइबर, अमीनो एसिड, विटामिन B-6 और B-12 की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो इसे सेहत के लिहाज़ से बेहद खास बनाती है. काला जीरा वजन घटाने से लेकर पाचन सुधारने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तक, कई मामलों में बेहद उपयोगी माना जाता है.
देहरादून की निवासी गीता रावत बताती हैं कि पुराने समय में पहाड़ों में बीमारियों का इलाज दवाइयों से ज्यादा घरेलू नुस्खों से ही किया जाता था. खांसी, जुकाम या बुखार होने पर लोग काला जीरा पानी में उबालकर पीते थे, जिससे आराम मिल जाता था. गैस और अपच होने पर जीरा और हींग को भूनकर गर्म पानी के साथ लेने से तुरंत राहत मिलती थी. यह इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. काला जीरा उच्च मध्य हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाला एक अमूल्य उपहार है, जो स्वाद बढ़ाने के साथ पारंपरिक हर्बल चिकित्सा में भी अहम भूमिका निभाता है. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जैसे ऊंचाई वाले इलाकों में इसकी सफल खेती की जा रही है. यूरोपियन बाजार में इसकी भारी मांग होने से किसान इसके जरिये अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. राज्य में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान इसके औषधीय गुणों पर शोध कर इसकी खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है.
मेमोरी बूस्टर है काला जीरा
आयुर्वेदिक चिकित्सक शालिनी जुगराजन ने बताया कि जिन लोगों को भूलने की समस्या रहती है, उनके लिए काला जीरा बेहद उपयोगी है, क्योंकि यह मेमोरी बूस्टर की तरह काम करता है. इसी तरह यह जोड़ों के दर्द में राहत देता है और शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसके नियमित सेवन से शरीर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है. वजन तेजी से बढ़ने पर आधा चम्मच काला जीरा गर्म पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है. एक और तरीका यह है कि रातभर पानी में काला जीरा भिगोकर रख दिया जाए और सुबह उसका पानी पी लिया जाए. यह तरीका वजन कम करने में सहायक माना जाता है.
इन रोगों के इलाज में कारगर
पाचन संबंधी समस्याओं जैसे गैस, कब्ज, अपच और एसिडिटीसे छुटकारा पाने के लिए एक चम्मच काला जीरा पाउडर गुनगुने पानी के साथ पीना अत्यंत लाभकारी है. यह पेट को शांत करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. सर्दियों में काला जीरा इम्यूनिटी बढ़ाने का भी उत्कृष्ट साधन है. यह बोन मैरो को सक्रिय करता है, नेचुरल इंटरफेरॉन तथा रोग-प्रतिरोधक कोशिकाओं को समर्थन देकर शरीर को ऑटोइम्यून विकारों से लड़ने में मजबूत बनाता है.
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-benefits-of-black-cumin-how-to-use-kala-jeera-ke-faydey-aur-upyog-ka-tarika-local18-9858890.html
