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चील जैसी होंगी आंखें, पाचन और खांसी-जुकाम की दवा फूल, जड़ और छाल शरीर में ऊर्जा-थकान में रामबाण – Bihar News

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अगस्त का पौधा स्वास्थ्य के लिए अद्भुत वरदान है. इसके फूल पाचन सुधारते हैं, खांसी-जुकाम में राहत देते हैं और आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं. पत्तियां रक्त शुद्ध करती हैं, त्वचा रोग दूर करती हैं और बुखार में उपयोगी हैं. जड़ और छाल शरीर में ऊर्जा बढ़ाते हैं, थकान कम करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करते हैं.

प्राकृतिक ने हमें कई ऐसे पौधे और फूल-पत्तियां दी हैं, जो सदियों से आयुर्वेद में स्वास्थ्य सुधार के लिए उपयोग होते आए हैं. पुराने समय में ऋषि-मुनियों द्वारा इनका प्रयोग किया जाता था और उनके ज्ञान के अनुसार यह शरीर और मन दोनों के लिए लाभकारी था. ऐसे में अगस्त का पेड़ (सेस्बानिया ग्रैंडिफ्लोरा) अपने अनूठे गुणों के कारण विशेष महत्व रखता है. यह पेड़ तेजी से उगने वाला और प्राकृतिक रूप से बहुत मजबूत है, जो मलेशिया से लेकर उत्तर ऑस्ट्रेलिया तक पाया जाता है. आयुर्वेदाचार्य इसे संजीवनी बूटी की तरह मानते हैं, और इसके फूल-पत्तियों का इस्तेमाल कई रोगों में होता रहा है.

समस्तीपुर जिले के मोहनपुर स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर बालेश्वर शर्मा बताते हैं कि अगस्त का फूल शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है. इसके फूल खाने से पाचन प्रणाली मजबूत होती है और खाना आसानी से पचता है. इसके साथ ही खांसी और जुकाम में राहत मिलती है और आंखों की रोशनी में भी सुधार होता है. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से यह फूल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है. इसे नियमित उपयोग करने से शरीर की थकान और कमजोरी दूर होती है.

अगस्त के पत्ते भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं. आयुर्वेद में इनके सेवन से रक्त शुद्ध होता है और यह त्वचा के रोगों में लाभकारी माना जाता है. पत्तियों का उपयोग बुखार कम करने और शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ निकालने के लिए किया जाता है.इसके सेवन से हृदय, लीवर और फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बेहतर होती है.लोग अक्सर इसके पत्तों को नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि इनमें कूट-कूट कर औषधीय गुण भरे हुए हैं.

अगस्त के पेड़ की जड़ और छाल भी आयुर्वेद में खास स्थान रखती हैं. जड़ का उपयोग कमजोरी दूर करने और शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जाता है. वहीं छाल का सेवन हृदय और पेट की समस्याओं में लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि इसका फूल हो या पत्ता, जड़ या छाल हर हिस्सा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है. इसे समुचित मात्रा में लेने से शरीर में प्राकृतिक टॉनिक का कार्य होता है और कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है.

डॉक्टर बालेश्वर शर्मा ने स्पष्ट किया कि अगस्त का फूल और पत्ता केवल प्राचीन काल में ही नहीं, बल्कि आधुनिक समय में भी शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. आयुर्वेद में इसे खाने से न केवल रोग दूर होते हैं बल्कि यह शरीर की ऊर्जा और सहनशीलता बढ़ाने में भी मदद करता है. उन्होंने यह भी बताया कि इसे कई तरह से प्रयोग किया जा सकता है जैसे कि काढ़ा, पाउडर या ताजा पत्तियों का रस. इस तरह यह हर उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के लिए फायदेमंद है.

आज की तेज जीवनशैली में जहां लोग फास्ट फूड और अस्वस्थ आदतों के शिकार हो रहे हैं, वहां अगस्त का फूल और पत्ता प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प साबित होता है. यह शरीर को प्राकृतिक रूप से मजबूत करता है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है. आयुर्वेदाचार्य का मानना है कि अगर लोग इसे नियमित जीवन में शामिल करें, तो न केवल छोटी बीमारियों से बचाव होगा, बल्कि लंबी उम्र और स्वास्थ्यवर्धक जीवन की संभावना भी बढ़ेगी. अगस्त का यह पौधा आधुनिक जीवन में भी स्वास्थ्य का संरक्षक साबित हो सकता है.

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चील जैसी होंगी आंखें, पाचन और खांसी-जुकाम की दवा फूल, ऊर्जा-थकान में रामबाण


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