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Mysterious Disease in Country: देश कई अबूझ बीमारियों से हैरान है. इस समय देश के कई हिस्सों में अलग-अलग तरह की अबूझ बीमारियों का प्रकोप है. ऐसी बीमारियां जिसके बारे में डॉक्टर भी हैरान हो रहे हैं.

रहस्यमयी बीमारियों का कहर.
हाइलाइट्स
- जम्मू के बधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से 17 मौतें हुईं.
- पुणे में गुलियन बेरी सिंड्रोम से 100 लोग प्रभावित.
- राजस्थान में लेप्टोस्पाइरोसिस इंसानों में फैल रही है.
Mysterious Disease in Country: बीमारियां अगर समझ में आ जाएं तो वो इतनी खतरनाक नहीं बन पाती लेकिन जब बीमारियां अबूझ हो जाए तो वह बेहद खतरनाक हो जाती है, खासकर तब जब इसे डॉक्टर को भी समझने में मुश्किल हो. जम्मू-कश्मीर के राजौरी के एक गांव में 17 लोगों की एक अबूझ बीमारी से मौत हो गई. डॉक्टर पता ही नहीं लगा पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है. वहीं महाराष्ट्र में गुलियन बेरी सिंड्रोम का कहर है. अब तक 100 लोग प्रभावित हो चुके हैं और एक की मौत इस बीमारी से बताई जा रही है. वहीं राजस्थान में जो बीमारी जानवरों में होती वह अब इंसानों में होने लगा है. देश के कुछ हिस्सों में स्वाइन फ्लू और एचएमपीवी वायरस के मरीज भी संक्रमित है. इस तरह देखा जाए कि देश के अधिकांश हिस्सों में इस अबूझ बीमारियों से हडकंप है. लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि ये क्या हो रहा है.
जम्मू की रहस्यमयी बीमारी
सबसे पहले बात करते हैं जम्मू के बधाल गांव की एक अबूझ बीमारी की. बधाल गांव इसी जनवरी से अब तक 17 लोगों की मौत हो गई. मामला इतना गंभीर है कि पूरे गांव को चारों तरफ से क्वरंटाइन कर दिया गया है. गृह मंत्री ने इसके लिए एक डॉक्टरों की टीम भी गठित कर दिया है. सेना का भी पहरा लगा दिया. लेकिन अब तक डॉक्टरों को पता नहीं चल रहा है कि ये कौन सी बीमारी है. इस बीमारी में गांव के लोगों में एक ही तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं और एक ही तरह से बीमार पड़ रहे हैं. वर्तमान में सभी मरीजों को राजौरी के जिला अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. हाल ही में अच्छी खबर भी मिली है कि इन मरीजों को एट्रोपिन इंजेक्शन लगाने से ये मरीज ठीक हो रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि इसके लिए ऑर्गेनोफॉस्फेट केमिकल जिम्मेदार हो सकता है जिसका इस्तेमाल कीटनाशक के रूप में किया जाता है.
पुणे में गुलियन बेरी सिंड्रोम
गुलियन बेरी सिंड्रोम नया तो नहीं है लेकिन यह रेयर होता है और इसके कारणों का सटीक पता अब तक नहीं है.इसलिए यह भी एक तरह से अबूझ ही है. महाराष्ट्र के पुणे में इस समय गुलियन बेरी सिंड्रोम ने हड़कंप मचा रखा है. 100 से ज्यादा मरीज इसकी चपेट में आ चुके हैं जिनमें से 17 वेंटिलेटर पर हैं. एक की मौत भी हो चुकी है. इस बीमारी में नसें बुरी तरह प्रभावित होती है जिसके कारण बहुत ज्यादा कमजोरी, सुन्नापन और लकवा तक मार सकती है. हाथ और पैरों में झुनझुनी होने लगती है और ये हिलने लगते हैं. यह जीका, इंफ्लूएंजा, एचआईवी सहित कई तरह के वायरस से भी हो सकता है और एक्सीडेंट से भी हो सकता है. यहां तक को कोविड से भी हो सकता है. इस बीमारी में सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. पैरालाइज होने पर और भी दिक्कत होने लगती है. इसमें उंगलियों, टखनों और कलाई में सुई जैसी चुभन महसूस होती है. सबसे मुश्किल यह है कि इसमें बहुत महंगा इजेक्शन लगाना पड़ता है जिसके एक डोज की कीमत 20 हजार है.
राजस्थान में लेप्टोस्पाइरोसिस
लेप्टोस्पाइरोसिस आमतौर पर जानवरों को होती है लेकिन आजकल यह राजस्थान में इंसानों को भी होने लगी है. राजस्थान के झुंझुनू में इस बीमारी के कारण एक की मौत भी हो चुकी है. बीते साल भी इस बीमारी के 30 मामले राजस्थान में मिले थे. वहीं इसी तरह की बीमारी ब्रुसेलोसिस भी राजस्थान में पैर पसार रही है. इसी महीने पूरे राजस्थान में इसके 20 मरीज मिले हैं. पिछले साल 60 से अधिक मामले राजस्थान में मिले थे. लेप्टोस्पाइरोसिस बीमारी बैक्टीरिया से होती है और यह जानवरों को संक्रमित करती है लेकिन जब जानवरों के पेशाब से इंसान का संपर्क होता है तो यह बीमारी इंसानों में भी हो जाती है. इसमें बहुत तेज बुखार, सिर दर्द और बहुत ज्यादा सर्दी लगती है. पेट में भयंकर दर्द होता है. डायरिया, उल्टी, ऐंठन जैसी समस्याओं से मरीजों को दो-चार होना पड़ता है. स्किन पर रैशेज आने लगते हैं.
January 28, 2025, 17:14 IST
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