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ठंडा, गुनगुना या गर्म… सर्दियों में कैसा पानी पीएं? शरीर के लिए कितना तापमान सही, आयुर्वेदाचार्य से समझें गणित

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Lukewarm Water in Morning: विज्ञान कहता है कि मौसम परिवर्तन के साथ ही हमारे शरीर की जरूरतों में भी बदलाव आता है. इन्हीं जरूरतों के मुताबिक हम खानपान करते हैं. जिस तरह गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी चीजें खाते हैं, ठीक उसी तरह सर्दियों में बॉडी को गर्म रखने के लिए गर्म चीजें खाते हैं. लेकिन, इससे पहले दिन की शुरुआत 1 गिलास पानी के साथ करते हैं. विद्वानों बताते हैं कि, रोज सुबह खाली पेट ताजा पानी पीने से वजन घटाने से लेकर किडनी और लिवर से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं. हालांकि, पानी के तापमान में मौसम के अनुसार बदलाव जरूरी है.

अब सवाल है कि आखिर ठंड में कितना गर्म पानी पीना चाहिए? हमारे शरीर के लिए पानी का कितना तापमान सही? सर्दियों में ठंडा पानी पीने नुकसान और नियम क्या हैं? इस बारे में Bharat.one को बता रही हैं राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय लखनऊ की डॉ. शची श्रीवास्तव-

ठंड में शरीर के मुताबिक पानी का सही तापमान?

एक्सपर्ट के मुताबिक, इंसान को शारीरिक दोष के हिसाब से सुबह के समय गुनगुना पानी पीना चाहिए. क्योंकि, जिस तरह ठंडा पानी नुकसानदेय हो सकता है, उसी तरह अधिक गर्म पानी भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए ठंड में ऐसा पानी पीने की कोशिश करें, जिसका तापमान 60°F से 100°F (16°C से 38°C) के भीतर हो.

सर्दी में गर्म पानी पीने का सही तरीका क्या है?

एक्सपर्ट बताती हैं कि, सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना स्वास्थ्य के लिए सही नहीं होता है. इससे आपको नुकसान हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि गर्म पानी में थोड़ा सा घी या नींबू मिक्स कर लें. वहीं, यदि आप ट्रैवल कर रहे हैं, तो ऐसे में सादा पानी का भी सेवन किया जा सकता है.

ठंड में गर्म पानी पीने से जुड़ी बातें और एहतियात?

कफ दोष: यदि आप कफ की परेशानी झेल रहे हैं, तो आपको ऐसा पानी पीना चाहिए, जो न ज्यादा गर्म हो और न ही ज्यादा ठंडा. सीमित तापमान का गुनगुना पानी चुस्की की तरह सेवन करना चाहिए. बता दें कि, गुनगुना पानी पीने से शरीर से टॉक्सिक बाहर होता है और आपको परेशानी से आराम मिलता है.

पित्त दोष: ठंड में पित्त दोष बढ़ने पर पेट और सीने में जलन महसूस होना, अपच, कब्ज और एसिडिटी की समस्या, नींद न आना और त्वचा पर दाने निकलना जैसी तमाम परेशानियां हो सकती हैं. इससे निजात पाने के लिए पानी को शरीर के तापमान तक ठंडा करने की आवश्यकता होती है.

वात दोष: ठंडा मौसम, ठंडा भोजन और दिन का सर्द तापमान वात दोष को बढ़ावा देता है. इसलिए वात दोष की स्थिति में अधिक गर्म और अधिक ठंडे पानी से परहेज करना चाहिए. हालांकि, कोशिश करें कि इस स्थिति में गुनगुना पानी ही पिएं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-water-drink-tips-in-winter-how-much-hot-water-to-drink-in-morning-know-doctor-water-right-temprature-according-to-body-8939614.html

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