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डॉक्टरों पर इतना प्रेशर! आदेश पढ़कर आ जाएगा तरस, डॉ. बोले- इसीलिए बढ़ रहीं सुसाइड

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हाल ही में देशभर में डॉक्‍टरों या मेड‍िकल छात्रों की सुसाइड की घटनाएं काफी बढ़ी हैं. ज्‍यादातर मामलों में इसकी एकमात्र वजह ओवर वर्क प्रेशर या ओवर वर्क लोड की वजह से बढ़ता तनाव और अवसाद सामने आ रहा है. हालांक‍ि …और पढ़ें

डॉक्टरों पर इतना प्रेशर! आदेश पढ़कर आ जाएगा तरसयूपी के मेड‍िकल कॉलेज का ऑर्डर हो रहा वायरल..
अगर आप सरकारी अस्पतालों में अपना या अपने परिजनों का इलाज कराने जाते हैं, लेकिन इलाज मिलने में थोड़ी देर होने पर डॉक्टरों के लिए भला-बुरा सोचने लगते हैं तो ये खबर पढ़ लीजिए. इसे पढ़कर आपको सरकारी संस्थाओं में काम कर रहे डॉक्टरों की स्थिति पर तरस आ जाएगा. इन डॉक्‍टरों को रोजाना 10-10 घंटे लगातार काम करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं हफ्ते में एक द‍िन की छुट्टी भी नहीं दी जा रही है.

हाल ही में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के अस्थि रोग विभाग ने सभी सीनियर रेजिडेंट्स के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसे अब देशभर के डॉक्टर सोशल मीडिया पर डालकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इस आदेश के अनुसार डॉक्टरों को हफ्ते में एक बार रविवार का भी ऑफ नहीं दिया जाएगा, साथ ही कैजुअल लीव लेने के लिए भी शर्तें लागू की गई हैं.

. विभाग में सुबह 8 बजे उपस्थित होना.
. सुबह-शाम वॉर्ड में राउंड करना.
. CL पर जाने से पहले सीएल फार्म कंप्लीट कर, अपना कार्य अपने सहकर्मी को नोट कराना. ऐसा न करने पर सीएल मान्य नहीं होगी.
. प्रत्येक यूनिट के सभी मरीजों की जानकारी आपको होनी चाहिए तथा सभी मरीजों से संबंधित प्रत्येक सूचना अपने सीनियर को उपलब्ध कराना.
. Call-Day वाले दिन सभी मरीजों को देखना.
. रविवार का कोई Off नहीं होगा.

क्या बोले डॉक्टर्स?

केजीएमयू लखनऊ में सीनियर रेजिडेंट न्यूरोसाइकेट्री और फेमा रीजनल कॉर्डिनेटर डॉ. अमन नकवी कहते हैं कि नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइंस के बावजूद अगर मेडिकल कॉलेज रेजिडेंट्स को रविवार तक का ऑफ न देने के लिए नोटिस जारी करते रहेंगे और उनसे 10 घंटे रोजाना काम (सुबह 8 से शाम को 6 बजे वॉर्ड का राउंड) करने की उम्मीद करेंगे तो डॉक्टरों के बीच सुसाइड के मामले कम होने के बजाय बढ़ेंगे ही.ये आदेश सीनियर रेजिडेंट्स के लिए है, अब जरा सोचिए कि वहां जूनियर रेजिडेंट्स पर कितना प्रेशर होगा?

डॉक्टर जता रहे विरोध
आदेश का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स विरोध जता रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इतना वर्क प्रेशर और हफ्ते में कोई छुट्टी तक होना, डॉक्टरों को मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरीके से नुकसान पहुंचा रहा है. इतने वर्कलोड के चलते देश में डॉक्टरों की आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ रही हैं. नेशनल मेडिकल कमीशन और सरकार को इस पर गौर करना चाहिए.

प्रिया गौतमSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ और रियल एस… और पढ़ें

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