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दवा से कम नहीं है इस मुर्गे की मीट! डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के लिए वरदान, विदेशों में भारी डिमांड, जानिए खासियत

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Agency:Bharat.one Madhya Pradesh

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खंडवा का प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है. खासतौर पर नेपाल में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. इसकी उच्च पोषण गुणवत्ता और औषधीय गुणों के कारण वैज्ञानिक भी इस पर शोध कर रहे हैं. कि…और पढ़ें

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कड़कनाथ मुर्गे की नेपाल तक माग बड़ी पूर्ति नहीं हो पा रही है 

हाइलाइट्स

  • खंडवा का फेमस कड़कनाथ मुर्गा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा
  • खासतौर पर नेपाल में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.
  • किसानों के लिए यह एक लाभदायक व्यवसाय बनता जा रहा है.

खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले का प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गा अब देश की सीमाओं को पार कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है. खासतौर पर नेपाल में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. यहां लोग इसके अनोखे स्वाद और पोषण गुणों के चलते इसे प्राथमिकता दे रहे हैं. मांग इतनी अधिक हो गई है कि आपूर्ति बनाए रखना चुनौती बनता जा रहा है.

खंडवा न केवल कड़कनाथ मुर्गे की आपूर्ति का प्रमुख केंद्र बन चुका है. इतना ही नहीं यहां पर वैज्ञानिक भी इसकी विशेषताओं को समझने और इसकी फार्मिंग तकनीकों पर शोध करने के लिए पहुंच रहे हैं. वे खासतौर पर इसके अंडों के उत्पादन, विशेष मशीनों और आधुनिक पालन तकनीकों पर रिसर्च कर रहे हैं.

250 से अधिक किसानों को दी गई ट्रेनिंग
कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. सुभाष रावत ने लोकल18 को बताया कि साल 2017 में उन्होंने झाबुआ से 200 चूजे लाकर कड़कनाथ पालन की यूनिट शुरू की थी. पिछले 7 सालों में लगभग 700 किसानों को इस विशेष नस्ल के बारे में जागरूक किया गया. इस दौरान करीब 250 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया. अब ये सभी लोग कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू करना चाहते थे.

क्यों खास है कड़कनाथ मुर्गा?
कड़कनाथ मुर्गे की खासियत इसकी काली त्वचा, उच्च पोषण मूल्य और औषधीय गुण हैं. इसमें प्रोटीन अधिक और वसा कम होती है, जिससे यह हृदय और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. यही वजह है कि यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य देशों में भी लोकप्रिय होता जा रहा है.

नेपाल समेत अन्य देशों में बढ़ रही है डिमांड
खंडवा का कड़कनाथ अब नेपाल सहित कई देशों में अपनी पहचान बना रहा है. इसकी लोकप्रियता को देखते हुए कई किसान और व्यापारी इसे बड़े स्तर पर पालने की दिशा में काम कर रहे हैं. साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र में कड़कनाथ के अंडों की उत्पादन तकनीक और मशीनों की जानकारी लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. कड़कनाथ मुर्गा न केवल किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय पशुपालन उद्योग की पहचान को मजबूत कर रहा है.

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दवा से कम नहीं है इस मुर्गे की मीट! डायबिटीज और हार्ट पेशेंट के लिए वरदान


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-kadaknath-chicken-health-diabetes-heart-patients-benefits-international-demand-local18-9050758.html

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