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दांत मजबूत रखने के उपाय: आजकल अधिक चीनी और केमिकलयुक्त खाद्य पदार्थ दांतों की समस्याएं बढ़ा रहे हैं. डेंटिस्ट और आयुर्वेदिक चिकित्सक सलाह देते हैं कि प्राकृतिक उपाय जैसे नीम, अर्जुन, बबूल और जामुन की दातुन, घरेलू दंत मंजन और तेल-पुलिंग दांतों और मसूड़ों की सेहत बनाए रखने में बेहद फायदेमंद हैं. नियमित सफाई और आयुर्वेदिक उपाय दांतों की कैविटी, पीलेपन और मसूड़ों की बीमारियों से बचाते हैं.
आजकल की दिनचर्या में ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ, केमिकलयुक्त उत्पादों का उपयोग बढ़ता जा रहा है. इसके दांतों में पीलापन, कैविटी, बदबू और मसूड़ों की कमजोरी जैसी समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं. डेंटिस्ट सुनील शर्मा ने बताया कि दांतों पर जमा होने वाली प्लाक और बैक्टीरिया धीरे-धीरे दंत स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में रोजाना और सही तरीके से दांतों की सफाई रखना जरूरी हो गया है ताकि बढ़ती दांत की समस्याओं से बचाव किया जा सके. उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले कई उत्पाद दांतों की इनेमल को कमजोर करते हैं और मसूड़ों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
ऐसे में आयुर्वेद और प्राकृतिक तरीकों के उपयोग से इस समस्या का समाधान पा सकते हैं. कुछ ऐसे पेड़ पौधे हैं जो दांत की बीमारियों के लिए फायदेमंद होते हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि अर्जुन, आम, बबूल, जामुन, अमरूद और नीम की दातुन सदियों से दंत स्वास्थ्य के लिए उपयोग की जाती रही है. इनमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण दांतों और मसूड़ों की सफाई कर कीटाणुओं को कम करते हैं. इसके अलावा नीम की दातुन दांत के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होती है.
उन्होंने बताया कि, दातुन चबाने से दांतों की जड़ें मजबूत होती है और मसूड़ों में रक्त संचार बेहतर होता है. यह न केवल कैविटी से बचाती है, बल्कि सांसों की दुर्गंध को भी कम करती है. ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी दातुन को रोजमर्रा की आदत के रूप में अपनाया जाता है. इसके नियमित उपयोग से दांतों की कई पुरानी समस्याएं बिना किसी साइड इफेक्ट के खत्म हो सकती है, इसलिए इसे प्राकृतिक तरीके से दांतों की रखा करना फायदेमंद रहता है.
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आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि घर पर भी प्राकृतिक दंत मंजन बनाकर उपयोग की जा सकती है. यह सबसे अधिक सुरक्षित और फायदेमंद होती है. इसके लिए तेल, शुद्ध नमक और हल्दी को मिलाकर तैयार किया गया मंजन दांतों के इनेमल को मजबूत करता है. तेल मसूड़ों को पोषण देता है, नमक सफाई करता है और हल्दी का एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को रोकता है. यह मिश्रण कीड़े लगने, मसूड़ों की सूजन और पीलापन कम करने में बेहद प्रभावी माना जाता है, इसलिए गांवों में यह परंपरा आज भी जीवित है.
डेंटिस्ट सुनील शर्मा ने बताया कि हल्के हाथों से गोलाई में ब्रश करना, जीभ की सफाई और समय-समय पर दंत जांच कराने पर लंबे समय तक दांत स्वस्थ रख सकते हैं. उन्होंने बताया कि नियमित सफाई न केवल कैविटी से बचाती है, बल्कि मसूड़ों की बीमारियों और पायरिया से बचाती है. दांतों में सबसे आम समस्या पीलेपन की होती है. अगर दांत पीले रहते हैं तो इसका प्रभाव व्यक्ति को सुंदरता पर पड़ता है. ऐसे में दांतों का पीलापन हटाने के लिए भी घरेलू नुस्खे बेहद असरदार माने जाते हैं.
इसके अलावा सबसे पहले, बेकिंग सोडा और नींबू का पेस्ट बनाकर हफ्ते में 1 से 2 बार हल्के हाथों से दांतों पर रगड़ें, इससे प्लाक और दाग कम होते हैं. सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से भी दांत चमकते हैं और मसूड़े मजबूत होते हैं. इसके अलावा, रोज़ाना सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा नींबू मिलाकर पीने से शरीर डिटॉक्स होता है और दांतों पर जमा पीलापन धीरे-धीरे कम होता है. वहीं, नारियल तेल से ऑयल पुलिंग भी बैक्टीरिया हटाकर दांतों को नेचुरली सफेद बनाती है. इन नुस्खों का नियमित उपयोग दांतों की चमक और सेहत दोनों को बेहतर करता है.
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