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Air Pollution Diseases : अक्सर मरीज इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. इनमें छाती में दर्द, भारीपन या दबाव, जबड़े, बाएं कंधे, बांह, कोहनी या पीठ में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, ठंडा पसीना, उल्टी महसूस होना, थकान, चक्कर या बेहोशी शामिल हैं. वायु प्रदूषण कितना खतरनाक है, आइये जानते हैं.
हर व्यक्ति में लक्षण अलग
डॉ. चयन वरमानी कहते हैं कि अब हार्ट इशूज़ को लेकर अब अत्याधुनिक सुविधाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. तमाम अत्याधुनिक मशीनों से, रोबोट के ज़रिए भी हार्ट की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. पैर की नस के ज़रिए दिल तक पहुंचकर हार्ट का इलाज किया जा रहा है. बिना किसी चीर फाड़ के भी हार्ट का इलाज अब संभव हो गया है. डॉ. चयन के मुताबिक, अक्सर मरीज हार्ट प्रॉब्लम्स के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिनमें छाती में दर्द, भारीपन या दबाव (एंजाइना के संकेत), जबड़े, बाएं कंधे, बांह, कोहनी या पीठ में दर्द, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पनिया), ठंडा पसीना, उल्टी जैसा महसूस होना, थकान, चक्कर आना या बेहोशी शामिल हो सकते हैं. ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और कई बार मरीज अलग-अलग चरणों में बीमारी के साथ सामने आते हैं. कई मरीज जिन्हें बार-बार हार्ट अटैक होता है या जिन्हें डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी होती है, वे अंततः एडवांस हार्ट फेलियर का सामना करते हैं.
क्या करें किसान
डॉ. वरमानी बताते हैं कि टेक्नोलॉजी ने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं. कार्डियक सर्जरी में हाल के नवाचारों में मिनिमली इनवेसिव तकनीकें, ट्रांसकैथेटर प्रोसीजर, 3डी प्रिंटिंग और रीजेनेरेटिव मेडिसिन जैसी आधुनिक विधियां शामिल हैं. इनसे न केवल मरीजों के परिणामों में सुधार हुआ है, बल्कि सर्जरी कम इनवेसिव हुई है और उपचार के विकल्प भी बढ़े हैं. यह एक रोमांचक युग है जिसने मरीजों की रिकवरी और जीवन की गुणवत्ता दोनों में सुधार किया है. इस विशेषज्ञता के साथ हमने कॉम्प्लेक्स प्रोसीजर्स में भी 90% से अधिक की सफलता दर हासिल की है. इधर, एक्यूआई को लेकर कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को सलाह देते नजर आते हैं. वो कहते हैं कि वातावरण का असर खेती किसानी पर भी पड़ता है. अगर पराली को खेत में ही जलाया जाता है तो मिट्टी की सेहत भी खराब होती है. पराली का उपयोग खेत में खाद की तरह करें न की उसे जलाएं.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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