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एक मां का साहस क्या होता है, यह खबर आपको बताएगी. जब 5 महीने का बच्चा पेट में गुजर जाने पर मां ने भ्रूण को एम्स अस्पताल में दान करने का फैसला कर लिया. यह कहानी है दिल्ली के रोहिणी की रहने वाली वंदना जैन की…और पढ़ें

जब इस बात का पता मां और पूरे परिवार को चला तो उनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. हालांकि इस भीषण दुख के बावजूद उन्होंने भ्रूण को दान करने का फैसला कर लिया. 7 सितंबर 2025 की सुबह 8 बजे जैन परिवार से जुड़े जीपी तायल ने दधीचि देहदान समिति के संस्थापक सदस्य सुधीर गुप्ता से संपर्क किया और भ्रूण को मेडिकल रिसर्च और एजुकेशन के लिए दान करने के अपने फैसले के बारे में बताया.
यह पूरी प्रक्रिया एम्स दिल्ली के एनाटॉमी विभाग के प्रोफेसर सुब्रत बसु रे के नेतृत्व में किया गया. उन्होंने बताया कि अब भ्रूण पर एम्स में मौजूद डॉक्टर्स रिसर्च प्रक्रियाएं कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि दधीचि देहदान समिति सिर्फ सरकारी अस्पतालों में अंगदान की प्रक्रिया करवाती है. ताकि मृत देह समाज, देश और इंसानियत के काम आ सके. दधीचि देहदान समिति पिछले कई सालों से लोगों को मृत्यु के बाद शरीर के प्रमुख दान करने के लिए प्रेरित कर रही है.
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें
अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/nation/fetus-died-on-5th-month-delhi-mother-donated-fetal-to-aiims-delhi-with-dadhichi-dehdan-samiti-for-medical-research-ws-kl-9599264.html