Feet Say About your Health: जब भी आप बीमार होते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपकी आंखें, आपके जीभ, आपके नाखून देखते हैं लेकिन आपके पैर भी शरीर के वे अंग हैं जहां किसी परेशानी का संकेत सबसे पहले मिल सकता है. बॉडी में गड़बड़ी होने पर पैरों में इसका सिग्नल जाता है. दरअसल, दिमाग की नसें सीधे पैरों से जुड़ी होती है जो सिग्नल का आदान-प्रदान करने का काम करती है. इसलिए जब पैरों में कुछ तकलीफें हो जाएं तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. हो सकता है कि यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो. यहां पर हम पैरों में 5 ऐसे संकेतों के बारे में बता रहे हैं.
पैरों में ये 5 संकेत खतरे की घंटी
1. पैरों का ठंडा हो जाना-टीओआई की खबर के मुताबिक अगर आपके पैर ठंडे हो जाते हैं चाहे वह गर्मी का मौसम ही क्यों न हो और जल्दी गर्म भी नहीं होते तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बहुत धीमा है. यदि ऐसी समस्या लगतार आ रही है तो इसका मतलब है कि आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज है. इसमें खून की धमनियां पतली हो जाती है क्योंकि इसमें फैटी चीजें जमा होने लगती है. कभी-कभी इससे हार्ट प्रोब्लम भी हो सकता है. इसलिए इसका इलाज कराना चाहिए.
2. पैरों में झनझनाहट-सनसनाहट-अगर पैरों में झुनझुनी भरी रहती है. बर्निंग सेंसेशन होता है, पैरों में कंपकंपी होती है तो इसका मतलब है कि आपके पैरों के नर्व डैमेज हो गए हैं. यह आमतौर पर तब होता है जब किसी को डायबिटीज हो. इसे डायबेटिक न्यूरोपैथी भी कहते हैं. इसलिए ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
3. सुबह के समय एड़ी में तेज दर्द होना- सुबह बिस्तर से उठते ही एड़ी में तेज चुभन जैसा दर्द हो, अक्सर एड़ी में सूजन वाली बीमारी प्लांट फेसाइटिस हो तो यह बेहद खतरनाक संकेत है. इसमें एड़ी की हड्डी को पैरों की उंगलियों से जोड़ने वाला टिशू सूज जाती है. हालांकि यह सुनने में एक ऑर्थोपेडिक समस्या लगती है, लेकिन कुछ लोगों में यह सूजन ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे रुमेटॉयड आर्थराइटिस या एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस से भी जुड़ी हो सकती है. ये बीमारियां शरीर के जोड़ों में सूजन पैदा कर सकती हैं और कई बार इसकी शुरुआत एड़ी से होती है.
4. चलते समय पैरों में घिसन-अगर चलते समय पैरों में घिसन हो यानी जब आप चल रहे हों तो पैर जमीन में थोड़ा बहुत घसीटता है. इस कंडीशन को फुट ड्रॉप कहा जाता है. यह कोई बीमारी तो नहीं है लेकिन बीमारी से ज्यादा है. इसमें बहुत चांस रहता है कि वह व्यक्ति किसी न किसी न्यूरोॉलिजक डिसॉर्डर का शिकार है.
5. बार-बार लौटकर आने वाली पैरों में खुजली- अगर पैरों में कभी-कभार खुलजी होती है तो वह ड्राई स्किन या फंगल इंफेक्शन के कारण हो सकती है लेकिन अगर यह बार-बार लौटकर वापस आ जाए तो इसे एथलीट फुट कहा जाता है. यह भी एक फंगल इंफेक्शन ही है लेकिन यह आमतौर पर डायबिटीज के कारण होती है. इसके अलावा एग्जिमा या सोरायसिस जैसी पुरानी स्किन की बीमारियां भी अक्सर पहले पैरों में दिखाई देती हैं. जब स्किन की सुरक्षा परत कमजोर हो जाती है, तो मामूली जलन या खुजली को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
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