श्रीनगर गढ़वाल. हिमालय में कई नायाब जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जो सेहत के लिए किसी खजाने से कम नही हैं. इन जड़ी-बूटियों में कई औषधीय होते हैं. ये जड़ी-बूटियां कई रोगों से निपटने में कारगर भी होती हैं. इन्ही में से एक है अमलपत्र. यह पौधा 1500 मीटर से 2 हजार मीटर की उंचाई वाली जगहों पर पाया जाता है. स्थानीय भाषा में इसे रेवाचीनी नाम से बुलाया जाता है. खाने में इसके पत्तों का स्वाद हल्का खट्टा होता है और हिमालयी क्षेत्रों में इस पौधे की पत्तियों का साग बनाकर खाया जाता है. जिससे कई पेट से संबंधित बीमारियां ठीक होती हैं.
आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुशांत मिश्रा ने Bharat.one को बताया कि यह पौधा उंचाई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है. इसकी पत्तियों और डंठल का प्रयोग सब्जी के रूप में भी किया जाता है.
पेट साफ करने में होता है प्रयोग
डॉ. सुशांत बताते हैं कि इस पौधे की जड़ के पाउडर का विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है. इस पाउडर का प्रयोग पेट साफ करने के लिए किया जाता है. अगर किसी व्यक्ति का पेट साफ नहीं हो रहा है, तो वह इसके आधा ग्राम पाउडर को पानी में मिलाकर ले सकता है. इसके अलावा ये पेट में गंदगी और पित्त को बाहर निकाल फेंकता है.
लिवर की दवाइयों में होता है प्रयोग
आयुर्वेद में इस पौधे को लिवर टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है. इस पौधे से कई प्रकार की लिवर की दवाएं बनाई जाती हैं. लेकिन इसका सीधा सेवन नही किया जाता है. इसको कुछ औषधीय के साथ मिलाकर प्रयोग में लाया जाता है. इसके सेवन से लिवर मजबूत रहता है.
पेट से जुड़ी समस्याओं को करता है ठीक
इसके तने और पत्तियों का सेवन सब्जी के रूप में किया जाता है. यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसकी पत्तियों और तने की सब्जी का सेवन करने से पाचन अच्छा होता है और भूख अच्छी लगती है. अगर नियमित इस सब्जी का सेवन किया जाय, तो पेट से जुड़ी समस्याएं कम हो जाती हैं.
FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 08:16 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-amalpatra-plant-health-benefits-beneficial-for-liver-and-stomach-diseases-local18-8890612.html