अगर महिलाओं में 40 साल की उम्र से पहले टीबी लग गया तो एस्ट्रोजन हार्मोन को कम कर देता है. महिलाओं में जब टीबी होता है तो फैलोपियन ट्यूब डैमेज का खतरा बढ़ जाता है.
Female Genital Tuberculosis: टीबी का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में खांसी की बीमारी आ जाती है. लोग सोचते हैं कि यह फेफडों की बीमारी है जिसमें लंग्स खोखले हो जाते हैं और खांसते-खांसते मरीज परेशान हो जाता है. यह बात सही है कि टीबी के अधिकांश मामले फेफड़ों से ही जुड़े होते हैं लेकिन टीबी के बैक्टीरिया शरीर के किसी भी हिस्से में घुस सकते हैं और वहां बीमारी फैला सकते हैं. यहां तक कि यह हड्डियों और प्रजनन अंगों में भी घुस जाते हैं. प्रजनन अंगों में टीबी महिला-पुरुष दोनों में हो सकता है और दोनों में इनफर्टिलिटी के खतरे को बढ़ा सकता है. टीबी के बैक्टीरिया नाक या मुंह से ही फेफड़े में घुसते हैं लेकिन कभी-कभी यह फेफड़े से शरीर के अन्य अंगों में प्रवेश कर जाते हैं. जब इम्यूनिटी कमजोर होता है तो इसे शरीर के किसी भी अंग में घुसने का मौका मिल जाता है.
पुरुषों के प्रजनन अंगों में टीबी हो जाने से स्पर्म काउंट तेजी से घट सकता है वहीं महिलाओं के प्रजनन अंग में टीबी होने से इनफर्टिलिटी का जोखिम बढ़ जाता है. यानी मां बनने में दिक्कत पेश आती है. इसलिए अगर प्रजनन अंगों में टीबी हो जाए तो इसे नजरअंदाज नहीं करें, तुरंत इसका इलाज कराएं वरना बहुत बड़ी परेशानी हो जाएगी.
फैलोपियन ट्यूब डैमेज हो जाता है
एचटी की खबर ने नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी सेंटर कोलकाता की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉ सुपर्णा भट्टाचार्य के हवाले से बताया है जब टीबी महिलाओं के प्रजनन अंगों में होता है तो प्रेग्नेंसी को होने में बहुत दिक्कत हो जाती है. अगर इलाज न किया जाए तो पूरी तरह मां बनने की संभावना को धूमिल कर सकती है. उन्होंने बताया कि महिलाओं में आमतौर पर टीबी फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय और कभी-कभी अंडाशय यानी ओवरी में भी होता है. महिलाओं में जब टीबी होता है तो इस बात की आशंका ज्यादा रहती है कि इसमें फैलोपियन ट्यूब डैमेज हो जाए. इस स्थिति में फर्टिलाइज एग गर्भाशय में आ नहीं पाता है. यानी अंडा शुक्राणुओं के साथ निषेचित तो हो जाता है लेकिन यह वहां से निकलकर बाहर नहीं आ पाता है. टीबी होने पर 90 प्रतिशत महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब ही डैमेज हो जाता है.
डॉ. सुपर्णा भट्टाचार्य कहती हैं कि अगर महिलाओं में 40 साल की उम्र से पहले टीबी लग गया तो एस्ट्रोजन हार्मोन को कम कर देता है. इस कारण प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर विकृति हो जाती है. इसमें अंडाशय की विकृत होने लगता है. इस स्थिति में अंडा बनता ही नहीं है. अगर अंडा बनेगा भी तो उसकी गुणवत्ता बहुत कमजोर हो जाती है. इंडोमैटेरियम में लाइनिंग बढ़ जाती है जिससे इनफर्टिलिटी हो जाती है. लगातार संक्रमण के बाद गर्भाशय की दीवार में साइनेचिया बीमारी हो जाती है जिसके कारण कभी पीरियड्स होता ही नहीं है.
महिलाओं के प्रजनन अंगों में टीबी के लक्षण
1.अधिकांश महिलाओं के प्रजनन अंगों में टीबी होने पर पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं.
2. कुछ महिलाओं में पेड़ू यानी पेल्विक एरिया में दर्द होने लगता है.
3. जेनाइटल टीबी गंभीर होने पर पीरियड्स पूरी तरह बंद हो सकता है.
4.कुछ महिलाओं में वेजाइनल डिस्चार्ज होने लगता है.
5. टीबी गंभीर होने पर मूवमेंट के दौरान भी पेट में दर्द होता है.
6. कुछ महिलाओं में बुखार भी आ सकता है.
7. कुछ मामलों में संबंध बनाने के दौरान भी दर्द हो सकता है.
क्या है इलाज
एचटी की खबर में सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. डीएस सौजानिया ने बताया कि महिलाओं में टीबी फैलोपियन ट्यूब से शुरू होकर कई प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है. इसलिए इसका शुरू में इलाज कराना चाहिए. अगर पीरियड्स में अनियमितता या पेट दर्द का आसानी से पता नहीं चल रहा है तो यह टीबी हो सकता है. उचित जांच कर इसका तुरंत इलाज शुरू कर दें. एंटीबायोटिक से जेनाइटल टीबी का इलाज किया जाता है. इसलिए डॉक्टरों की सलाह से तुरंत इलाज शुरू कर दें. कुछ महीने में यह टीबी ठीक हो सकता है.
FIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 18:44 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-genital-tb-in-women-damaged-fallopian-tubes-disturbed-conception-stop-producing-eggs-irregular-menstruation-pelvic-pain-sign-and-symptoms-of-tuberculosis-5704679.html