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यदि आप में हैं ये खूबी तो हर मुश्किलों का सामना हंसते-हंसते कर लेंगे, चेहरे पर दिखेगी खुशी और हेल्थ चकाचक

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Optimism key to Better Health: एक नए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग आशावादी सोच वाले होते हैं उनकी हेल्थ अच्छी होती है और वह हर मुश्किल को हंसते-हंसते पार कर लेते हैं.

यदि आप में हैं ये खूबी तो हर मुश्किलों का सामना हंसते-हंसते कर लेंगे

आशावादी सोच बहुत जरूरी.

Optimism key to Better Health: अक्सर कहा जाता है कि यदि आप खुश हैं तो आप निरोग है. आपकी कई परेशानियां अपने आप खत्म हो जाती है. लेकिन यह खुशी आती कहां से है. वास्तव में यह खुशी आती है आपकी आशावादी सोच से, आपकी सकारात्मक सोच से. यदि आप हरदम आशावदी रहेंगे, कितनी भी मुश्किलें आ जाएं मन में यही सोचेंगे कि यह भी हो जाएगा तो यह आपकी सेहत की सबसे बड़ी कुंजी है. यह बात हम नहीं बल्कि एक नई स्टडी में कही गई है. जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनैलिटी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक आशावादी सोच विकसित करना और लचीले ढंग से मुश्किलों का सामना करना सीखना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद कर सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक चाहे हालात कैसे भी हों यदि आप सकारात्मक सोच रखते हैं तो हर मुश्किलें आसान हो जाती है.

महामारी में निडर रहे आशावादी सोच वाले
आज अधिकांश लोगों में तनाव रहता है क्योंकि उनकी सोच सकारात्मक नहीं होती. तनाव कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देता है. रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक दूरी, स्वास्थ्य की चिंताएं और आर्थिक अनिश्चितता के कारण बहुत से लोगों के लिए डर और चिंता रोजमर्रा की बात हो गई है. सेराक्यूज यूनिवर्सिटी और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि किन व्यक्तिगत खूबियों से लोग लंबे समय तक तनाव, महामारी जैसी समस्याओं को झेल पाते हैं. सेराक्यूज यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान की प्रोफेसर जीवोन ओह ने इस टीम का नेतृत्व किया. उन्होंने आशावाद और निराशावाद पर ध्यान दिया और देखा कि ये सोच हमारे स्वास्थ्य पर कैसे असर डालती हैं. शोधकर्ताओं ने “हेल्थ एंड रिटायरमेंट स्टडी” के डेटा का इस्तेमाल किया. यह एक बड़ा सर्वे है जिसमें 50 साल से ज़्यादा उम्र के पूरे अमेरिका से लोगों को शामिल किया गया है. इस डेटा से पता चला कि मुश्किल वक्त में लोगों की सोच उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है. उन्होंने पाया कि जो लोग ज्यादा आशावादी थे, वे महामारी जैसे तनाव में भी बेहतर ढंग से डटे रहे और उनका स्वास्थ्य ठीक रहा. जीवोन ओह ने कहा, “महामारी ने बहुत सारे बदलाव लाए. हम जानना चाहते थे कि कौन सी खूबियां लोगों को ऐसे तनाव से निपटने में मदद करती हैं. हमने आशावाद पर ध्यान दिया, क्योंकि यह लोगों को कुछ करने के लिए प्रेरित करता है.

आशावादी लोगों में तनाव कम रहता है
आशावादी लोग तनाव को सकारात्मक तरीके से देखते हैं. वे या तो समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं या हालात को स्वीकार कर ढलने की कोशिश करते हैं. आशावाद और निराशावाद दोनों का मानसिक स्वास्थ्य से अलग-अलग संबंध था. जो लोग ज्यादा आशावादी थे, वे कम चिंता करते थे, कम तनाव और अकेलापन महसूस करते थे. वहीं ये लोग ज़्यादा मजबूत रहते थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि ये लोग ज़्यादा शारीरिक गतिविधि करते थे, उन्हें अपने रिश्तों से ज़्यादा सहारा और कम तनाव मिलता था. आशावादी लोग हकीकत को जानते हुए भी मानते हैं कि चीजें ठीक हो जाएंगी. यह सकारात्मक सोच उन्हें समस्याओं से निपटने और हल ढूंढने में मदद करती है. शोधकर्ताओं ने कहा, “हमारे अध्ययन से पता चला कि आशावादी लोग नई मुश्किलों में भी बेहतर रहे.

इनपुट-आईएएनएस

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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-optimism-key-to-better-health-and-well-being-new-study-claims-9056296.html

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