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सिरदर्द, अस्थमा और लीवर को सही करने वाला ‘मसाला,’ बिहार में यहां होता है तैयार

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long pepper benefits in hindi: सभी राज्य और उनके जिलों की हवा-पानी की अपनी खासियत है. सभी जगह अलग-अलग मौसम होने से उसी अनुकूल पेड़-पौधे, फल-फूल और अनाज-सब्जी तैयार होते हैं. बिहार के चंपारण ज़िले के वनवर्ती क्षेत्रों में भी एक खास औषधि पाई जाती है. इसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है.

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण: बिहार के चंपारण जिले के वनवर्ती क्षेत्रों में एक ऐसी औषधि पाई जाती है, जिसका सबसे अधिक उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है. जानकार बताते हैं कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर इस मसाले को पीपली, पिप्पली या लौंग पीपर के नाम से जाना जाता है. इसमें पाए जाने वाले औषधीय गुण शरीर के दर्जनों रोगों का खात्मा करने की क्षमता रखते हैं. इसमें मुख्य रूप से विटामिन C, विटामिन K, मैंगनीज और फाइबर जैसे पोषक तत्वों के साथ एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल जैसे गुण पाए जाते हैं.

मसालों के रूप में होता है इस्तेमाल
आयुर्वेद के क्षेत्र में चार दशकों से कार्यरत और वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि पीपली एक ऐसा मसाला है, जिसका उपयोग सब्ज़ियों सहित अन्य कई फूड आइटम को बनाने में तो खूब किया जाता है. इसके बावजूद भी इसकी जानकारी बेहद कम लोगों को ही होती है. इस एक बूटी को अलग-अलग तरह की दिक्कतों में तमाम तरह से इसका सेवन कर सकते हैं.

माइग्रेन और सिरदर्द में लाभप्रद
यदि आप माइग्रेन या सिर दर्द की समस्या से परेशान हैं तो लौंग पीपली का उपयोग कर सकते हैं. सबसे पहले पीपली को पानी के साथ पीसकर उसका लेप बना लें, फिर आवश्यकता अनुसार इसका उपयोग सिर पर करें. आप इस लेप को पूरे सिर पर लगा सकते हैं जिससे कुछ ही समय में दर्द से राहत मिल सकती है.

दांत की समस्या में ऐसे करें सेवन
यदि आप दांत दर्द से परेशान हैं, तो इस स्थिति में भी आपको पीपली के चूर्ण का सेवन करना चाहिए. इस्तेमाल के लिए 1-2 ग्राम पीपली चूर्ण में सेंधा नमक, हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर उसे दांतों पर लगाएं. इससे दांतों में होने वाले तेज दर्द का तुरंत निवारण होगा.

अस्थमा के लिए है रामबाण औषधि
अस्थमा या सांस फूलने की समस्या में भी पीपली का सेवन बहुत लाभप्रद बताया गया है. एक खास मात्रा में पीपली को कूटकर गर्म पानी में उबालें. उबालने के बाद पानी जब आधा हो जाए तब आप उसे आंच से उतार लें और एक बर्तन में रखकर थोड़े-थोड़े समय पर उसका सेवन करते रहें. पहले दिन के सेवन से ही आपको चमत्कारी लाभ दिखने लगेंगे.

छाती में जमा कफ भी हो जाएगा खत्म
इतना ही नहीं, पिपली को लिवर का रक्षा कवच भी कहा जाता है. इसके साथ ही अस्थमा से परेशान लोग यदि पीपली, सौंठ, सौंफ और काली मिर्च के मिश्रण से तैयार चूर्ण को शहद के साथ सेवन में लाते हैं तो इससे छाती में जमा कफ से राहत मिलेगी. यदि आप इसका सेवन मसाले के रूप में भोजन के ज़रिए करते हैं तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा जिससे कमजोरी, भूख न लगना, अत्यधिक वजन इत्यादि जैसी समस्याओं से निजात मिलेगा.

Rajneesh Singh

जी न्यूज, इंडिया डॉट कॉम, लोकमत, इंडिया अहेड, न्यूज बाइट्स के बाद अब न्यूज 18 के हाइपर लोकल सेगमेंट Bharat.one के लिए काम कर रहा हूं. विभिन्न संस्थानों में सामान्य खबरों के अलावा टेक, ऑटो, हेल्थ और लाइफ स्टाइल बीट…और पढ़ें

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सिरदर्द, अस्थमा और लीवर को सही करने वाला ‘मसाला,’ बिहार में होता है तैयार


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