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सीधे मौत के मुंह में पहुंचाने वाला मारबर्ग वायरस ने फिर दी दस्तक, इथोपिया में 3 की मौत, क्या भारत में भी है इसका खतरा, जानिए

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Murberg Virus: मारबर्ग वायरस इतना खतरनाक है इससे संक्रमित 100 में से 90 लोगों की जान चली जाती है. फिलहाल यह इथोपिया में मातम पसार रहा है. दोबारा पनपे इथोपिया में 3 लोगों की मौत हो गई है और 3 संदेहास्पद स्थिति में है. लेकिन सवाल यह है कि भारत में मारबर्ग का कितना खतरा है.

इथोपिया में मारबर्ग का प्रकोप.

Murberg Virus : इबोला परिवार का बेहद खतरनाक वायरस मारबर्ग ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. यह वायरस इतना खतरनाक है कि इसमें 90 फीसदी संक्रमित मरीजों की मौत हो जाती है. इस बार इथोपिया में इसके नए मामले सामने आए हैं. इथियोपिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कि मारबर्ग वायरस से संक्रमित तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि और तीन मौतों का संदेह है. इथियोपिया के दक्षिणी क्षेत्र के एक शहर में कुल 9 मामलों की पहचान हुई थी जिनमें तीन की मौत हो चुकी है और तीन की हालत बेहद नाजुक है. मंत्रालय ने कहा है कि 129 लोगों जो संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए थे, उन्हें अलग कर निगरानी में रखा गया है.

अफ्रीकी देशों में मचा रहा कहर

यह वायरस अफ्रीकी देशों में दहशत मचा रहा है. 2025 में मारबर्ग वायरस के संक्रमण से अब तक सबसे प्रमुख रूप से तंजानिया और इथियोपिया में मौतें दर्ज हुई हैं. तंजानिया के कागेरा रीजन में जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान कुल 10 मामलों की पुष्टि हुई. इनमें सभी 10 संक्रमितों की मौत हो गई. यानी मृत्यु दर 100 प्रतिशत रहा. पिछले साल रवांडा में मारबर्ग वायरस ने कहर मचाया था. कुल 66 संक्रमितों में 15 की मौतें हो गई थी. 2023 में इक्टोरियल गिनी में मारबर्ग का प्रकोप सबसे ज्यादा रहा. इस साल वहां 40 लोग इंफेक्टेट हुए जिनमें 35 लोगों की मौत हो गई. मारबर्ग से सबसे ज्यादा मौतें अंगोला में हुई थी. 2004-05 में अंगोला में 252 संक्रमितों में 227 की मौत हो गई यानी मौत की दर 90 प्रतिशत रही. यह बीमारी अब तक अफ्रीकी देश डीआर कांगों, युगांडा, गिनी, घाना, तंजानिया औक रवांडा तक ही सीमित है.

मारबर्ग होने पर क्या लक्षण दिखते हैं

क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक मारबर्ग वायरस के संक्रमण होने पर इसके लक्षण बेहद खतरनाक होते हैं. इस वायरस को शरीर को नुकसान पहुंचाने में 7 दिन का समय लगता है. इसमें तेज बुखार और ठंड लगता है. इसके साथ ही सिर में तेज दर्द, कफ, मसल्स में दर्द, ज्वाइंट पेन, गले में खराश और स्किन पर रैशेज आ जाते हैं. एक या दो दिन के बाद ऐसा लगता है कि ये सारे लक्षण कम हो गए लेकिन जल्द ही दूसरा फेज शुरू हो जाता है और इसमें छाती और पेट में बहुत दर्द करने लगता है. पेट खराब होने लगता है और अचानक वजन गिरने लगता है. मल से खून आने लगता है. इसके बाद नाक, मुंह, आंखें और वेजाइना से खून निकलने लगता है. अगर तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो मरीज की मौत हो जाती है.

मारबर्ग का भारत में कितना खतरा

अफ्रीका के कुछ देशों के अलावा कुछ अफ्रीकी देशों के अलावा दुनिया में और कहीं भी मारबर्ग वायरस का प्रकोप नहीं है. भारत में भी फिलहाल मारबर्ग वायरस से जुड़ा कोई सक्रिय मामला नहीं पाया गया है. भारत में मारबर्ग का सीधा खतरा फिलहाल बेहद कम है. फिर भी वायरस वाले देशों से आने वाले यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

Lakshmi Narayan

Excelled with colors in media industry, enriched more than 19 years of professional experience. Lakshmi Narayan is currently leading the Lifestyle, Health, and Religion section at Bharat.one. His role blends in-dep…और पढ़ें

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सीधे मौत के मुंह में पहुंचाने वाला मारबर्ग वायरस ने फिर दी दस्तक


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