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सेहत के लिए खतरनाक है मिलावटी कुट्टू का आटा, घर पर इस पहाड़ी बीज से करें तैयार; भूख तो मिटेगी ही एनर्जी भी बढ़ाएगा – Uttarakhand News

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Kuttu atta: नवरात्रि के व्रत में कुट्टू का आटा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. बाजार में मिलने वाला आटा अक्सर महंगा और मिलावटयुक्त होता है. ऐसे में पहाड़ी उगल (बकव्हीट) के बीजों से घर पर शुद्ध कुट्टू का आटा तैयार कर आप न सिर्फ पैसा बचा सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक आहार भी पा सकते हैं.

नवरात्रि के दौरान व्रत रखने वाले लोगों के लिए कुट्टू का आटा सबसे जरूरी आहार माना जाता है. यह न केवल पेट भरने वाला है बल्कि शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है. बाजार से मिलने वाला आटा कई बार महंगा पड़ता है, और उसमें मिलावट की आशंका भी रहती है. ऐसे में घर पर तैयार आटा सबसे बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. खासकर बागेश्वर जैसे पहाड़ी इलाकों में जहां उगल (बकव्हीट) की खेती बड़े पैमाने पर होती है. वहां से सीधे बीज लेकर शुद्ध आटा तैयार करना आसान और लाभदायक है.

कुट्टू का शुद्ध आटा बनाने के लिए सबसे पहले उगल के बीजों को अच्छे से साफ करना जरूरी है. इन्हें 2-3 घंटे तक धूप में सुखाने के बाद देसी ओखली, चक्की या मिक्सर ग्राइंडर में पीसा जा सकता है. आटे को छानकर एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करना चाहिए ताकि यह लंबे समय तक खराब न हो. घर पर इस तरह तैयार किया गया आटा पूरी तरह प्राकृतिक और बिना किसी मिलावट का होता है. यह न केवल सस्ता पड़ता है बल्कि इसमें बाजार जैसी मिलावट की चिंता भी नहीं रहती, जिससे व्रत करने वालों को शुद्ध आहार मिलता है.

घर पर तैयार कुट्टू के आटे से नवरात्रि में कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं. सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में कुट्टू की पूड़ी, पराठा, पकौड़ी, ढोकला और हलवा शामिल हैं. ये व्यंजन न केवल पेट भरने वाले होते हैं बल्कि व्रत में स्वाद और ऊर्जा का संतुलन भी बनाए रखते हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग इस आटे से पारंपरिक व्यंजन भी बनाते हैं, जो पोषण से भरपूर होते हैं. नवरात्रि में घर के सभी सदस्य इन व्यंजनों का आनंद उठा सकते हैं और शुद्ध, पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकते हैं.

कुट्टू के आटे को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. व्रत के दौरान जब सामान्य अनाज नहीं खाए जाते, तब कुट्टू शरीर की ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है. यह पाचन के लिए भी अच्छा होता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर रखता है. इसमें मौजूद आयरन और मैग्नीशियम शरीर को मजबूत बनाने में सहायक हैं. नवरात्रि के नौ दिनों में कुट्टू के आटे का सेवन करने से थकान नहीं होती और व्यक्ति पूरे दिन सक्रिय बना रहता है.

आजकल बाजार से मिलने वाले आटे में मिलावट की समस्या आम हो गई है. महंगे दाम चुकाने के बाद भी शुद्धता की गारंटी नहीं मिलती. ऐसे में घर पर कुट्टू का आटा तैयार करना सबसे बेहतर उपाय है. इसमें न तो किसी तरह की मिलावट होगी और न ही क्वालिटी पर संदेह रहेगा. एयरटाइट डिब्बे में रखने से यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है. व्रत में शुद्धता और इसपवित्रता का खास महत्व है, इसलिए खुद घर पर आटा तैयार करना स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टि से सबसे ज्यादा लाभकारी है.

बागेश्वर और आसपास के पहाड़ी इलाकों में उगल की खेती आसानी से होती है. यहां के किसान पारंपरिक तरीके से उगल उगाते हैं. जिससे न केवल उनकी आजीविका चलती है बल्कि स्थानीय लोगों को शुद्ध बीज भी उपलब्ध होते हैं. इन बीजों से तैयार कुट्टू का आटा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है. स्थानीय उपज का इस्तेमाल करने से किसानों को उचित मूल्य मिलता है और लोग शुद्ध खाद्य पदार्थ पा सकते हैं. नवरात्रि जैसे अवसरों पर इस आटे की मांग बढ़ने से स्थानीय किसानों को अतिरिक्त लाभ होता है.

नवरात्रि के दौरान शरीर को लंबे समय तक भूखा रहना पड़ता है, ऐसे में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है. कुट्टू का आटा व्रतधारियों के लिए वरदान है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं. यह तुरंत ऊर्जा देता है और शरीर को तंदुरुस्त रखता है. नियमित रूप से कुट्टू से बने व्यंजन खाने से शरीर कमजोर नहीं पड़ता और थकान कम महसूस होती है. इसलिए नवरात्रि में कुट्टू का आटा स्वास्थ्यवर्धक और संतुलित भोजन के रूप में खास महत्व रखता है.

नवरात्रि के मौके पर घर पर कुट्टू का आटा तैयार करना हर परिवार के लिए आसान और किफायती विकल्प है. यह न केवल बाजार के मुकाबले सस्ता पड़ता है बल्कि पूरी तरह शुद्ध भी होता है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी के लिए यह पौष्टिक है. पहाड़ी उगल से तैयार यह आटा ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों की जरूरत पूरी करता है. खासकर बागेश्वर और कुमाऊं क्षेत्र के लोग इसे परंपरा के तौर पर अपनाते हैं. यह व्रतधारियों के लिए सबसे उत्तम भोजन है, जिसे हर घर में अपनाया जा सकता है.

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सेहत के लिए खतरनाक है मिलावटी कुट्टू का आटा, घर पर इस पहाड़ी बीज से करें तैयार


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