शाहजहांपुर : रिफाइंड तेल का इस्तेमाल हमारे दैनिक जीवन में काफी आम हो गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी बढ़ती मांग हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है. रिफाइंड तेल में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है. ट्रांस फैट दिल की बीमारियों, मोटापे, डायबिटीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है. शोध में पाया भी गया है कि रिफाइंड तेल का नियमित इस्तेमाल करने से कई बीमारियां हो सकती हैं. जबकि सरसों का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक होता है. इसके अलावा मूंगफली, तिल, सूरजमुखी और नारियल के तेल को भी हम अपने खान-पान में शामिल कर सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि रिफाइंड तेल को कई वनस्पति तेलों को रासायनिक तरीके से प्रोसेस कर तैयार किया जाता है. रिफाइंड तेल से कई तरीके की बीमारियां भी हो रही है. रिफाइंड तेल लोगों में मोटापा, डायबिटीज, एथेरोस्केलेसिस, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल जैसी गंभीर समस्याओं का कारण तो है हीं. साथ ही प्रजनन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है. इस तरह के तेलों का इस्तेमाल बहुत कम या फिर बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
कई बीमारियों को जन्म देता है रिफाइंड ऑयल
रिफाइंड तेल में ट्रांस फैट अधिक होने की वजह से यह हृदय रोग और कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इससे वजन तेजी के साथ बढ़ता है और डायबिटीज जैसी तमाम समस्याएं पैदा होती है. दरअसल रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया के दौरान निकेल रिलीज होता है. जो हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है. जिसकी वजह से लिवर, त्वचा और श्वसन प्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है.
एंटी बैक्टिरियल गुणों से भरपूर है सरसों का तेल
सरसों का तेल पुरातन काल से खाने में इस्तेमाल होता रहा है. क्योंकि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं. यह त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ही अच्छा होता है. सरसों के तेल में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो ट्राइग्लिसराइड स्तर को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है.
गठिया में राहत देता है सरसों का तेल
सरसों के तेल में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं. इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करता है. यह गठिया के लक्षणों में भी राहत दिलाता है. रिफाइंड तेल की तुलना में सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है.
इन तेलों का करें इस्तेमाल
सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक तेलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जिसमें मूंगफली का तेल, तिल का तेल, सूरजमुखी का तेल और नारियल के तेल शामिल है. ये प्राकृतिक तेल भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 16:58 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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