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Sourabh Murder Case: सौरभ और मुस्कान के बीच पिछले 10 साल की मुहब्बत थी लेकिन अंत ऐसा होगा किसी को यकीन न हो रहा. पति सौरभ का अपने प्रेमी के साथ 15 टुकड़े करने के पीछे कहीं मनोवैज्ञानिक बीमारी तो नहीं. लेडी हार्…और पढ़ें

सौरभ मर्डर केस.
हाइलाइट्स
- सौरभ की हत्या में मुस्कान और साहिल शामिल.
- हत्या के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं.
- महिला में स्प्लिट पर्सनालिटी की संभावना.
Sourabh Murder Case: क्या कोई यकीन कर सकता है कि जिससे कोई 15 साल से टूटकर प्यार किया हो वही कातिल हसीना अपने प्रेमी को बेरहमी से कत्ल कर उसके लाश को 15 टुकड़े कर दे. बेशक यकीन न हो लेकिन मेरठ में मुस्कान नाम की लड़की ने अपने लवर साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ के साथ ऐसा ही किया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि किसी महिला में इतनी हिम्मत कहां से आ गई कि वह इस तरह की अतिरंजित खूनी खेल को अंजाम देने के लिए तैयार हो गई. लेडी हार्डिंग अस्पताल की मनोविज्ञान डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रेरणा कुकरेती बताती हैं कि अमूमन महिलाएं इस तरह की एक्सट्रीम कंडीशन में नहीं जाती है लेकिन अगर वह हद से आगे बढ़ी है तो जरूर इसके पीछे भयंकर मनोवैज्ञानिक कारण रहे होंगे. क्या इसके पीछे दिमाग का केमिकल लोचा है. आइए इसके बारे में लेडी हार्डिंग अस्पताल की मनोविज्ञान डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रेरणा कुकरेती से विस्तार से जानते हैं.
ऐसी महिलाएं निर्णय लेने में बोल्ड होगी
डॉ. प्रेरणा कुकरेती ने बताया कि वास्तविक कारण क्या है यह तो पूरी तरह से उसकी जांच के बाद ही चलेगा लेकिन ऐसे मामलों में आशंका यही है कि महिला अपने पति के साथ भावनात्मक लगाव महसूस नहीं कर रही होगी. यह कई महिलाओं के साथ होता है. वह पति से बेशक शारीरिक संपर्क में रहती हैं लेकिन भावनात्मक लगाव महसूस नहीं करती. हालांकि इतनी अतिरंजित हरकत को अंजाम महिला नहीं देती. इसलिए यह बहुत दुर्लभ मामला है. ऐसे मामलों में महिला शुरुआत से ही इंपल्सिव विहेवियर अपनाती होगी. मतलब वह किसी की सुनती नहीं होगी. निर्णय लेने में बहुत बोल्ड होगी. उसके दिमाग में जो एक बार चीजें आ गई, वह इससे डिगती नहीं होगी. इसे एक तरह से आप मानसिक विकास या सतही भाषा में केमिकल लोचा कह सकते हैं.
कौन सी बीमारी हो सकती है
डॉ. कुकरेती ने बताया कि जैसा कि पहले कहा है कि महिला द्वारा पति की हत्या के पीछे वास्तविक मनोवैज्ञानिक कारण क्या था, यह जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस तरह के मामले में महिला “स्प्लिट-लव” या “स्प्लिट पर्सनालिटी” की शिकार हो सकती हैं. इसे बाइपोलर अफेक्टिव डिसऑर्डर या बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से भी जोड़ा जा सकता है, जहां व्यक्ति के विचार और भावनाएं तीव्रतर रूप से बदल जाती है.
प्यार को नफरत में बदलने में देर नहीं लगती
जब कोई महिला किसी पुरुष से गहरी और अगाध प्यार करती है, तो उसके भावनात्मक संबंध बहुत गहरे और मजबूत होते हैं. यह एक ऐसी स्थिति है, जहां महिला अपनी भावनाओं को पूरी तरह से पुरुष पर निर्भर कर देती है. लेकिन जैसे ही उसे अहसास हो जाती है कि वह पुरुष उसे धोखा दे रहा है या भावनात्मक रूप से चोट पहुंचा रहा है तो महिला की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पूरी तरह से बदल जाती है. इस प्रकार की मानसिकता में स्प्लिट पर्सनालिटी या अल्टरनेटिव इमोशनल स्टेट्स उत्पन्न हो सकते हैं. कुछ मनोवैज्ञानिक शोध में यह भी पाया गया है कि कुछ व्यक्तियों में इंवोलेंट्री एजेंट involuntary agent की मानसिकता होती है, जिसका मतलब है कि उनका मस्तिष्क दुश्मन मान चुके उस व्यक्ति के खिलाफ हिंसक प्रतिक्रिया देने के लिए उतावला हो जाता है. इसलिए कहा भी जाता है कि महिला के अंदर प्यार और नफरत के बीच की सीमा धुंधली हो सकती है.
क्या इस व्यवहार को पहले से पहचाना जा सकता है
डॉ. कुकरेती बताती हैं कि ऐसे मामलों में व्यक्ति का व्यवहार सामान्य से अलग रहता है. वह सब लोगों के साथ घुलमिल नहीं पाता है. इस तरह उसे पहचाना तो जा सकता है लेकिन इसके लिए मनोविश्लेषकों की सहायता लेनी जरूरी है. ऐसे में अगर आपको लगता है कि किसी का व्यवहार सामान्य नहीं है, वह पास में रहने वाले लोगों से घुलमिल नहीं पाता है, तो ऐसे व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक डॉक्टर से दिखाने की जरूरत होती है.
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