Sign of Roommate Syndrome: बेशक आपने इस शब्द को नहीं सुना होगा लेकिन कपल के बीच ऐसा होता है. जब तक रोमांटिक रिलेशनशिप में गर्मजोशी रहती है तब तक ऐसा महसूस नहीं होता लेकिन कुछ कपल में धीरे-धीरे गर्मजोशी कम होने लगती है और एक-दूसरे की अहमियत कम होने लगती है. इस स्टेज में कपल, पार्टनर या पति-पत्नी एक ही छत के नीचे रहते हुए भावनात्मक दूरी का अनुभव करने लगते हैं तब दोनों के बीच रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत हो जाती है. रूममेट सिंड्रोम यानी एक ही रूम में रहते हुए समान जिम्मेदारियों को दरगुजर करने की बीमारी है. इसमें पति-पत्नी या कपल प्रेमी जोड़े या बेस्ट फ्रेंड के बजाए सिर्फ रूम की साझेदारी करते हैं. ऐसा लगता है कि एक मुहल्ले में रहने वाले दो लोग हो. इसमें प्यार की भावनाओं में कमी आने लगती है और व्यक्ति अपने काम में मगन रहता है. दोनों का अलग-अलग शौक और दिनचर्या होने लगता है, दोनों के बीच एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी या प्यार की भावना का अंत हो जाता है. एक रूम में रहते हुए भी दोनों-दोनों के काम, पसंद, इच्छाएं आदि से बेखबर रहते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आप दोनों के बीच ऐसा न हो, तो यहां जान लीजिए इसके कुछ लक्षण और फिर इस स्थिति से निपटने के उपाय.
रूममेट सिंड्रोम के लक्षण
1. अलग-अलग लाइफ–फोर्ब्स की रिपोर्ट ने मनोवैज्ञानिकों के हवाले से बताया है कि अगर कपल एक ही घर में रहते हुए एक-दूसरे की जरूरत नहीं महसूस करते और अपना-अपना अलग लाइफ जीते हैं तो इसका मतलब है कि रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत हो चुकी है. जैसे रूम में रहते हुए भी अगर कोई काम है तो ऐसा लगेगा कि यह उसका काम है. अगर कोई बीमार हो गया तो यह समझ लेना कि खुद दवा कर सकता है. इसमें सिर्फ अपनी पसंद और अपने जीवन के बारे में सोचना शामिल है.
2. एक-दूसरे के साथ इंटीमेसी में कमी-किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप में एक-दूसरे के प्रति प्यार आवश्यक है. यह भावनात्मक भी होता है और सेक्शुअल भी. लेकिन जब सेक्शुअल रिलेशनशिप सिर्फ रूटीन लगने लगे तो इसका मतलब है कि रूममेट सिंड्रोम हो गया है. इस स्थिति में सेक्स आपको जुनून या मुहब्बत से ज्यादा एक बाध्यता लगने लगती है. रूम में एक साथ है, इसलिए सेक्स करना है तो यह रूममेट सिंड्रोम है. इसमें आलिंगन, गले लगना या किस का अभाव होने लगता है या ये चीजें करने का मन नहीं करता.
3. दोनों के बीच में बातचीत कम हो जाना-अगर एक ही घर में रहते हुए कपल के बीच बातचीत कम हो जाती है या एक जो काम करता है, वह दूसरे को पता नहीं होता तो इसका मतलब होता है कि रूममेट सिंड्रोम की शुरुआत हो चुकी है. किसी भी कठिन मुद्दे पर भी एक राय नहीं बनना इसके लक्षण है. इस स्थिति में किसी भी चीज को साथी से पूछने का कोई उद्येश्य नजर नहीं आता.
इन स्थितियों से कैसे निपटें
रिलेशनशिप कोच जेविका शर्मा बताती हैं कि इन स्थितियों से निपटने के लिए दोनों के बीच संवाद होना बहुत जरूरी है. अगर रूममेट सिंड्रोम तक आ गए तो पहले बिना किसी वजह भी बातचीत कीजिए. रिलशनशिप की जरूरत को समझिए.इस पर विचार कीजिए कि रिलेशनशिप रखना है या नहीं.हालांकि इस रिश्ते को खत्म करने की भावना नहीं आती लेकिन एक-दूसरे से मतलब नहीं रह पाता लेकिन अगर आपके बीच कोई प्रोब्लम है तो इस मसले को मिलकर सुलझाएं. एक-दूसरे के साथ एडजस्ट करना सीखें. एक-दूसरी की भावनाओं को बिना बताए समझें. इसमें समय जरूर लगेगा लेकिन दोबारा से रिलेशनशिप में गर्मजोशी आएगी.
FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 14:23 IST
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