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AIIMS doctor Dr Prasun Chatterjee on healthy eating| हेल्दी लाइफ के लिए क्या खाएं डॉ. प्रसून चटर्जी

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What to eat for healthy life: हेल्दी लाइफ के लिए हेल्दी खान-पान पहली शर्त है. आप कुछ भी कर लें जब तक आपका खान-पान सही नहीं होगा तब तक आप न तो सेहतमंद रहेंगे और न ही खुश रहेंगे. पर सबसे जरूरी बात यह है कि हमें खाना क्या चाहिए. आज अधिकांश लोगों का खान-पान खराब है जिसकी वजह से कई बीमारियां हो रही है. ऐसे में हमने सही खान-पान और हेल्दी लाइफ के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में नेशनल सेंटर फॉर एजिंग के सुप्रीडेंटेंड डॉ. प्रसून चटर्जी से बात की. उन्होंने बताया कि आज के समय में भी कैसे हेल्दी रहा जा सकता है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

हेल्दी लाइफ के लिए सबसे पहला काम

डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि हेल्दी लाइफ के लिए सबसे पहला काम यह है कि कम खाएं. कम खाने के मतलब यह नहीं कि भूखा रहे बल्कि पौष्टिक तत्वों से भरा हुआ भोजन करें जिससे शरीर को शक्ति मिले. पौष्टिकता से भरपूर भोजन कुदरती तरीके से खाएंगे तो ऐसे ही कम भूख लगेगी. कभी भी पेट भरकर न खाएं. थोड़ा-थोड़ा खाएं. पेट का कुछ हिस्सा खाली रहने दें. डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि आपकी उम्र कितनी होगी,यह इस बात पर तय है कि आप किस तरह का भोजन करते हैं. एक अध्ययन में पाया गया कि दुनिया में जो 5 ब्लू जोन है, जहां के लोग सबसे ज्यादा जीते हैं, वहां जापान के ओकिनोवा में बच्चे जापान के अन्य हिस्सों में रह रहे बच्चों की तुलना में 20 से 30 प्रतिशत तक कम खाते हैं. यानी डाइट रिस्ट्रक्शन बहुत बड़ा फेक्टर है.

ऋषि-मुनि की तरह रहें

डॉ. प्रसून चटर्जी कहते हैं कि अगर हम अपने ऋषि-मुनियों के लाइफस्टाइल को फॉलो कर लें तो शरीर की बीमारियों से संबंधित कई समस्याएं आएंगी ही नहीं. उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों की दिनचर्या कैसे थी. वे फल-फूल पर रहते थे और योग और ध्यान लगाकर मस्त रहते थे. जीवन में तनाव को भगाने के लिए योग बहुत ही फायदेमंद है. ऋषि-मुनि हमेशा सात्विक भोजन करते थे और घंटों व्यायाम करते थे. आज भी ऐसा किया जा रहा है. यदि इसी लाइफस्टाइल को अपना लिया जाए तो इसका शानदार फायदा मिलेगा.

हाइब्रिड कार की तरह अपने पेट को बनाइए

डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि हमें अपने पेट को हाइब्रिड कार की तरह बनाना चाहिए. हाइब्रिड का मतलब है पेट्रोल, बैटरी, सीएनजी, डिजल आदि से एक साथ चलना. मतलब हर तरह की हेल्दी चीजों को खाइए लेकिन थोड़ा-थोड़ा कर. इसमें थोड़ा साबुत अनाज से बनी चीजें जैसे कि रोटी-चावल हो, थोड़ी दाल हो, बहुत सारी सब्जियां हो, ताजे फल हो, सीड्स हो. इन सबका समावेश संतुलित रुप से होना चाहिए. डॉ. चटर्जी ने कहा कि आजकल डाइट से कार्बोहाइड्रैट को बाहर करने का चलन है. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. कार्बोहाइड्रेट हमें हर दिन पूरी डाइट में 50 प्रतिशत चाहिए. हमारे ब्रेन को 50 प्रतिशत एनर्जी कार्बोहाइड्रैट से ही मिलती है. इसलिए इसे डाइट से हटाए नहीं बल्कि इसका हेल्दी स्रोत से लें. इसके लिए रिफाइंड या प्रोसेस्ड चीजें नहीं ले बल्कि कुदरती तरीके से कार्बोहाइड्रैट लें. जैसे कि बहुत सारे फल और साबुत अनाज, आलू, शकरकंद, चुकंदर आदि से इसे प्राप्त करें.

सुबह से कैसे शुरू करें भोजन

सभी प्रतिष्ठित रिसर्च में यही कहा जाता है कि सुबह नींबू-पानी से अपने दिन की शुरुआत करें. आप चाहे तो थोड़ा गुनगुना पानी में नींबू का रस और हो सके तो शहद डालें और इसे पी लें. इसके बाद अंकुरित चीजों का नाश्ता करें. अंकुरित चीजें आपके लिए अमृत बन जाएगा. इसमें आप फल भी मिला दें तो और शानदार बन जाएगा. अंकुरित चीजों से नाश्ता करने के बाद 1 से डेढ़ घंटा पेट का आराम दें और शरीर को थकाएं. इस बीच एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज के बिना डाइट भी काम नहीं करेगी. इसिलए एक्सरसाइज करें.

नाश्ता के बाद क्या

नाश्ते के बाद जो परंपरागत भारतीय तरीका है, उस हिसाब से खाना खाएं. 10 से 11 के बीच आप ठोस भोजन करें. इसमें साबुत अनाज से बने साधारण पकवान मतलब चावल या रोटी लें और उसे हरी सब्जी, सलाद, दही आदि के साथ खाएं. ध्यान रहे इसमें संपूर्ण भोजन करें. चावल, रोटी, दाल, पर्याप्त रेशेदार सब्जी, दूध या दही का समावेश होना चाहिए लेकिन सलाद हर हाल में शामिल होना चाहिए. सलाद जितना अधिक खाएंगे उतना अधिक फायदा होगा.

दोपहर के भोजन के बाद क्या

दोपहर के भोजन के बाद और रात के भोजन से पहले बहुत भूख लगती है और इसी में लोग गलतियां करते हैं. ऐसे में आप कुदरती चीजों का स्नैक्स करें. इसमें आप सीड्स साथ में रखें, मखाना रखें, फल खाएं. शाम को चाहे तो अंकुरित चीजों को थोड़ा भून लें और इसका सेवन करें.

रात में क्या खाएं

रात में जितना जल्दी हो उतनी जल्दी खाएं. कोशिश करें कि 8 बजे से पहले भोजन कर लें. इसमें भी वही चीजें रखें जो दोपहर के भोजन में शामिल था. हालांकि यह बदलकर बनाया जाता है जिससे स्वाद अलग हो जाता है. जैसे रोटी अगर दिन में खाते हैं तो चावल रात में खाएं. सब्जी कुछ और बना लें और दाल भी अलग ढंग से बनाएं. इसके अलावा सलाद, चटनी आदि को शामिल करें लेकिन ध्यान रहें कि रात में पेट भर के खाना न खाएं. रात में खाना खाकर थोड़ी देर वॉक जरूर करें. तुरंत खाकर बिस्तर पर न जाएं. अगर आप इन दिनचर्या को अपनाएंगे तो हमेशा हेल्दी रहेंगे.


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