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Surprising Remedy for Menstrual Pain: सेक्सुअल हेल्थ एजुकेटर डॉ. तनया नरेंद्र ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में दावा किया कि पीरियड्स के दौरान गाली देना दर्द से राहत का एक असरदार तरीका हो सकता है. उन्होंने 2009 की रिसर्च का हवाला देते हुए बताया कि गाली देने से मस्तिष्क में एंडॉर्फिन और एड्रेनालिन रिलीज होते हैं, जो नेचुरल पेनकिलर का काम करते हैं.
Tips To Relieve Periods Pain: महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द और असहजता का सामना करना पड़ता है. पीरियड्स पेन हर महिला के जिंदगी का हिस्सा होता है. पीरियड में ज्यादा दर्द होने पर कुछ महिलाएं हीटिंग पैड का सहारा लेती हैं, तो कुछ चॉकलेट या कॉफी पीकर सुकून ढूंढती हैं. वहीं कई बार अहसनीय दर्द होने पर दवा का सहारा भी लेना पड़ता है. सेक्सुअल हेल्थ एजुकेटर डॉ. तनया नरेंद्र ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में दावा किया कि पीरियड्स के दौरान गाली देने से दर्द कम हो सकता है. उनका कहना है कि गालियां देने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि दर्द सहने की क्षमता भी बढ़ती है.
इस पॉडकास्ट में डॉ. तनया ने मजाकिया लहजे में कहा, “गाली दो यार मस्त, चॉकलेट खाओ. अगर पार्टनर चॉकलेट नहीं लाया तो उसे गाली दो.” उनका अंदाज हल्का-फुल्का था, लेकिन इसकी वैज्ञानिक वजह भी है. खुद को खुलकर एक्सप्रेस करने से आपकी मानसिक और शारीरिक स्थिति बेहतर हो सकती है. खासकर जब आप अत्यधिक असहजता महसूस कर रहे हों. इस सुझाव के बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने Mindtalk की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट नेहा पराशर से बात की. उनका कहना है कि गाली देना वास्तव में लिम्बिक सिस्टम को सक्रिय करता है. यह मस्तिष्क का वो हिस्सा है, जो इमोशन और तनाव से जुड़ा होता है. इसके सक्रिय होने से शरीर में एड्रेनालिन और एंडॉर्फिन जैसे पेन रिलीविंग हार्मोन रिलीज होते हैं, जो शरीर को अस्थायी राहत देते हैं.
नेहा पराशर बताती हैं कि गाली देने से व्यक्ति को भावनात्मक संतुलन और नियंत्रण का अनुभव होता है. जब आप दर्द या असहजता के समय अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते हैं, तो यह एक प्रकार की कैथार्सिस बन जाता है. इससे न केवल मन हल्का होता है, बल्कि दर्द की तीव्रता भी कम महसूस होती है. यह राहत अस्थायी होती है, लेकिन मानसिक रूप से यह काफी मददगार हो सकती है. हालांकि गाली देने को किसी भी हालत में मेडिकल ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए. अगर पीरियड का दर्द बहुत अधिक हो, जीवन की दिनचर्या को प्रभावित कर रहा हो, तो डॉक्टर या गायनेकोलॉजिस्ट की सलाह लेना बेहद आवश्यक है. यह तरीका केवल तात्कालिक राहत दे सकता है, स्थायी समाधान नहीं है.
नेहा ने बताया कि पीरियड्स के दर्द को कम करने के लिए नियमित रूप से हल्का व्यायाम या योग करना, भरपूर पानी पीना, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर संतुलित आहार लेना, और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है. इसके अलावा गर्म पानी की बोतल से पेट की सिकाई करना और ध्यान या डीप ब्रीदिंग जैसी माइंडफुलनेस तकनीकें भी प्रभावी हो सकती हैं. अगर दर्द असहनीय हो, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है.
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्…और पढ़ें
अमित उपाध्याय Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम के अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास प्रिंट और डिजिटल मीडिया में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी रिसर्च-बेस्ड और डॉक्टर्स के इंटरव्… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-cursing-during-periods-may-ease-pain-says-sexual-health-educator-dr-tanaya-narendra-know-facts-9684886.html