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Diwali Safety Tips: कई लोग दिवाली पर पटाखों से जल जाते हैं और त्योहार के मौके पर उन्हें तुरंत डॉक्टर भी नहीं मिलते हैं. ऐसे में एक्सपर्ट के कुछ टिप्स बेहद काम आ सकते हैं.
दिवाली का त्यौहार हमेशा से ही रंग बिरंगी आतिशबाजी के साथ मनाते हुए आ रहे हैं. हर कोई दिवाली के त्योहार में मस्त हो जाता है. यहां तक की साल भर बाहर काम करने वाले लोग नौकरी करने वाले लोग अपने घर लौट आते हैं ताकि वह दिवाली का पूजन घर पर कर सके.
लेकिन पिछले कुछ सालों में लापरवाही पूर्वक पटाखे चलाने की वजह से नुकसान हुआ बल्कि बच्चे भी घायल हुए और अस्पतालों तक पहुंचे. ऐसे में दिवाली पर सतर्क रहकर सावधान रहकर दिवाली माननी चाहिए अगर गलती से कोई दुर्घटना हो जाती हैं तो हम कुछ घरेलू उपचार कर सकते हैं जिससे तत्काली राहत मिलेगी.
सागर मकरोनिया सिविल अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर आलोक सिंह बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर बुंदेलखंड में इस तरह की भ्रांति है कि आग से या पटाखों से जलने पर लोग कभी टूथपेस्ट लगा देते हैं तो कभी शहद लगा देते हैं तो कभी हल्दी चूना लगा देते हैं.
लेकिन जलने के बाद ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सभी चीजें हमारे उस स्थान को राहत देने की बदली डैमेज करती है. इसलिए इन सभी चीजों से बचना चाहिए.
अगर पटाखे चलाते समय दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से उनसे घायल हो गए हैं तो सबसे पहले नल के पानी से 15-20 मिनट तक अच्छे से उस स्थान धोना चाहिए. इसके बाद हमारे घरों में जो एंटीसेप्टिक क्रीम होती हैं उनको उस स्थान पर लगा दें तो यह हमारे लिए ठंडक देने में मदद करती हैं.
इसके साथ ही जलन भी कम होती है. हर साल इस तरह की घटनाएं सामने आती है. वहीं, अगर ज्यादा कोई घटना हो गई है तो जल्द से जल्द अस्पताल जाएं. हर कोई सोचता है कि हमारे साथ ऐसा नहीं होगा लेकिन एक छोटी सी लापरवाही इन हादसों का बड़ा कारण बन जाती है.
ऐसे में हर किसी को अपने घर में दीपावली के समय बाल्टियों में पानी भर के और रेत भरकर रखना चाहिए क्योंकि अगर कोई घटना दुर्घटना होती है तो उसको काबू किया जा सके और बड़ा हादसा होने से टल जाए. इसके लिए यह भी जरूरी है कि जब छोटे बच्चे पटाखे जलाते हैं तो पेरेंट्स उनकी निगरानी करनी चाहिए.
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