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NASA Research Exercise: NASA की रिसर्च के अनुसार रीबॉन्डिंग एक्सरसाइज वॉकिंग और जॉगिंग से 70 प्रतिशत ज्यादा असरदार है. इसे घर में सिर्फ 10 मिनट में किया जा सकता है. इससे पूरी बॉडी फिट रहती है.
आजकल लोगों के पास वॉकिंग और जिम जाने के लिए भी टाइम नहीं रहता है. ऐसे में अगर आप हर दिन घर के बेडरूम में ही अगर 5 मिनट निकाल लेते हैं, तो आपका दिनभर का एक्सरसाइज का कोटा पूरा हो जाएगा. नासा (NASA) की एक रिसर्च में सामने आया है कि एक ऐसी एक्सरसाइज है. जो वॉकिंग और जॉगिंग से लगभग 70% ज़्यादा असरदार है. सबसे अच्छी बात ये है कि इसे करने में सिर्फ 10 मिनट लगते हैं.
इस एक्सरसाइज का नाम रीबॉन्डिंग है. ये कोई भारी-भरकम जिम वर्कआउट नहीं है. बल्कि यह एक बेहद सिंपल और मजेदार एक्टिविटी है, जिसे आप घर पर ही कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं कि क्या है रीबॉन्डिंग एक्सरसाइज.
रीबॉन्डिंग क्या है? रीबॉन्डिंग एक तरह की लो-इम्पैक्ट कार्डियो एक्सरसाइज है, जिसमें व्यक्ति एक छोटे ट्रैम्पोलिन (जिसे मिनी ट्रैम्पोलिन या रिबाउंडर कहते हैं) पर हल्के-हल्के जंप करना होता है. इसे ‘जंपिंग फॉर फिटनेस’ भी कह सकते हैं.
इसे करने के लिए आपको बस एक छोटा सा ट्रैम्पोलिन अपने घर लाना है. इसे करने में सिर्फ 10-15 करने पर ही ये आपको घंटो वॉकिंग या जॉगिंग करने से भी ज्यादा फायदे देगा और इसे करने में काफी मजा भी आएगा.
रीबॉन्डिंग करने के लिए आपको एक छोटे साइज का ट्रैम्पोलिन चाहिए. इसे आप अपने घर में कहीं भी फ्लैट जमीन पर रख सकते हैं. शुरुआत में आप सिर्फ 5-10 मिनट रोजाना करें.
इसमें ज्यादा तेजी जंप करने की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप बस हल्के-हल्के उछलते हुए अपने शरीर को मूव करना होता है. आप सीधे खड़े रहकर हल्की जंप करें, पैरों को थोड़ा-थोड़ा उठाएं, चाहें तो हाथों को साथ में ऊपर-नीचे मूव करें.
ये एक्सरसाइज शरीर को एक्टिव करती है, लेकिन घुटनों या जोड़ों पर दबाव नहीं डालती है. शुरुआत धीमी रखें और धीरे-धीरे टाइम और मूवमेंट बढ़ाएं. आप चाहें तो म्यूजिक के साथ इसे और मजेदार बना सकते हैं.
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