Home Lifestyle Health Health Tips: गणित में कमजोर बच्चा? इन 5 आसान ट्रिक्स से बन...

Health Tips: गणित में कमजोर बच्चा? इन 5 आसान ट्रिक्स से बन जाएगा आइंस्टीन, बस कर लें ये काम – Jharkhand News

0


Last Updated:

Health Tips: पलामू में बच्चों एक्सपर्ट डॉ. विनीता के अनुसार, बच्चों की याददाश्त और गणितीय सोच बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार, योग, खेल, मेमोरी गेम्स और सीमित मोबाइल जरूरी हैं. सकारात्मक माहौल भी अहम रोल निभाते हैं.

आज के समय में माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यही है कि उनके बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. मोबाइल, टीवी और गेम्स जैसी चीज़ें उनका ध्यान भटका रही हैं. बच्चों का फोकस और याददाश्त दोनों कमजोर होते जा रहे हैं, लेकिन अगर सही समय पर कुछ छोटी-छोटी आदतें सिखा दी जाएं, तो उनके दिमाग की क्षमता कई गुना बढ़ सकती है. बच्चों की याददाश्त और गणितीय सोच दोनों को बेहतर बनाने के लिए कुछ आसान लेकिन असरदार तरीके अपनाए जा सकते हैं.

दरअसल, बच्चों में सबसे बड़ा और असरदार गुण होता है देखकर सीखना. डॉ. विनीता ने Bharat.one को बताया कि आज के समय में बच्चे को मोबाइल और टीवी की दुनियां में सीमित हो रहे है. ऐसे में बच्चों का मेमोरी पावर बढ़ना मुश्किल हो सकता है. इससे बेहतर है कि मां बाप अपने बच्चों के मेमोरी पावर को बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दें.

उन्होंने कहा कि बच्चों के जीवन में शुरुआती 10 साल उनके दिमागी विकास के लिए बेहद अहम होते हैं. इस उम्र में उनके मस्तिष्क की न्यूरॉन कनेक्शन तेजी से बनते हैं. अगर इस समय उन्हें सही पोषण, नींद और मानसिक गतिविधियां दी जाएं, तो उनकी सीखने और याद रखने की शक्ति कई गुना बढ़ सकती है. रिसर्च बताती है कि जो बच्चे बचपन में खेल-खेल में सीखते हैं, उनकी वर्किंग मेमोरी और समस्या सुलझाने की क्षमता अधिक मजबूत होती है.

दिमाग को तेज बनाने के लिए पौष्टिक आहार सबसे जरूरी है. बच्चों के भोजन में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट वाले फूड शामिल करें. मछली, अखरोट, बादाम, अंडा, पालक, ब्राउन राइस और फल बच्चों के दिमाग के लिए बेहतरीन माने जाते हैं. जंक फूड और अधिक शुगर वाले पदार्थ दिमागी थकान बढ़ाते हैं और याददाश्त पर बुरा असर डालते हैं.

उन्होंने कहा कि अच्छी नींद बच्चों की मेमोरी को मजबूत करती है. जब बच्चे सोते हैं, तब उनका दिमाग दिनभर सीखी गई चीज़ों को व्यवस्थित करता है और लॉन्ग-टर्म मेमोरी में बदलता है. 6 से 12 साल के बच्चों को कम से कम 9 से 10 घंटे की नींद जरूरी होती है. देर रात तक मोबाइल या टीवी देखने की आदत उनकी मानसिक शक्ति को कमजोर करती है. इसलिए सोने और जागने का निश्चित समय बनाना बेहद जरूरी है.

योगासन बच्चों के मन को शांत करते हैं और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. सर्वांगासन, भुजंगासन और पश्चिमोत्तानासन दिमाग में रक्त संचार बढ़ाते हैं और मानसिक स्पष्टता लाते हैं. पद्मासन और प्राणायाम से तनाव कम होता है. बच्चों के लिए 5 मिनट ‘दीपक ध्यान’ (कैंडल गेज़िंग) बेहद प्रभावी है. इसमें बच्चे दीपक की लौ पर ध्यान लगाते हैं, जिससे उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति दोनों में सुधार होता है.

उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ नियमित रूप से मेमोरी गेम्स खेलना बहुत जरूरी है. जिग्सॉ पजल्स, मेमोरी कार्ड, सुडोकू, ‘साइमन सेज़’, चेस और क्रॉसवर्ड जैसे गेम्स बच्चों के दिमाग को सक्रिय रखते हैं. इनसे उनकी विजुअल और ऑडिटरी मेमोरी (देखकर और सुनकर याद करने की क्षमता) मजबूत होती है. गेम के दौरान उन्हें रणनीति बनाना और तर्क से सोचना भी सिखाया जा सकता है, जिससे बच्चों के दिमागी विकास बढ़ता है.

फिजिकल एक्टिविटी यानी खेलकूद भी दिमाग को उतना ही फायदा पहुंचाता है जितना पढ़ाई. दौड़ना, साइक्लिंग, स्विमिंग या आउटडोर गेम्स से शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है, जिससे दिमाग में ब्लड फ्लो बेहतर होता है. फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसे खेल बच्चों को रणनीतिक सोच, टीमवर्क और फोकस सिखाते हैं. स्टडी बताती है कि रोजाना 30 मिनट का खेल बच्चों की मेमोरी क्षमता को 20% तक बढ़ा सकता है.

मोबाइल बच्चों की एकाग्रता को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. घंटों स्क्रीन पर गेम या वीडियो देखने से उनके ब्रेन के हिप्पोकैम्पस हिस्से की कार्यक्षमता कम होती है. इसे रोकने के लिए माता-पिता को स्क्रीन टाइम सीमित करना चाहिए. इसके बदले उन्हें किताबें पढ़ने, ड्रॉइंग या आउटडोर गतिविधियों में शामिल करें. ‘नो मोबाइल जोन’ जैसी नीति घर में लागू करें ताकि बच्चे धीरे-धीरे डिजिटल डिस्ट्रैक्शन से मुक्त हो सकें.

उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत कम बच्चे गणित में रुचि लेते है. वहीं, गणित में अच्छा बनने के लिए रटने की नहीं, समझने की जरूरत है. रोज 15 मिनट मेंटल मैथ प्रैक्टिस कराएं . जैसे जोड़-घटाव के छोटे सवाल, पहाड़े या लॉजिक गेम्स. बच्चों को खेल-खेल में मैथ सिखाएं, जैसे शॉपिंग करते वक्त हिसाब लगाना या टाइम बताना. मैथ से जुड़ी एप्स या क्विज़ भी उपयोगी हैं. धीरे-धीरे दिमाग की कैलकुलेटिव क्षमता और कॉन्फिडेंस दोनों बढ़ेंगे.

बच्चों के दिमागी विकास में पारिवारिक माहौल का बड़ा असर होता है. जब बच्चे को घर में पॉजिटिव माहौल और लगातार प्रोत्साहन मिलता है, तो उसकी आत्मविश्वास और एकाग्रता दोनों बढ़ती हैं. माता-पिता को बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियों की भी सराहना करनी चाहिए. आलोचना की बजाय मार्गदर्शन और सहयोग का माहौल बनाने से बच्चे सीखने के लिए हमेशा उत्साहित रहते हैं.

हर दिन सुबह 10 मिनट योग, 5 मिनट मेडिटेशन और शाम को 30 मिनट खेल यह छोटा-सा रूटीन बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत को बदल सकता है. साथ ही दिन में एक बार मेमोरी गेम या पज़ल खेलना, सोने से पहले किताब पढ़ना और पौष्टिक खाना खाना उनके मस्तिष्क को मजबूत बनाता है. याद रखें, बच्चों को याददाश्त नहीं, नियमितता सिखाना सबसे जरूरी है.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle

गणित में कमजोर बच्चा? इन 5 ट्रिक्स से बन जाएगा आइंस्टीन, जानें एक्सपर्ट से


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-health-tips-effective-ways-boost-childrens-memory-and-mathematical-thinking-revealed-local18-ws-l-9706646.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version