मंडी: अपने बेहतरीन दाम और कई दिनों तक आसानी से खराब न होने के कारण अब जिला मंडी में जापानी फल को बड़े चाव से लगा कर इसकी खेती की जा रही है और इससे बहुत से लाभ किसानों को मिल रहा है. मंडी जिला के कई इलाकों में कुछ किसान इसकी खेती कर रहे हैं और हर साल इसका उत्पादन भी बढ़ रहा है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में इसका उत्पादन मंडी जिला में बढ़ा है क्योंकि यह फल जल्दी खराब नहीं होता, यही इसका एक बड़ा कारण है. जानकारी के मुताबिक, अब तक मंडी जिला में इस जापानी फल को 371 हेक्टेयर पर उगाया जा रहा है.
क्या हैं इसके फायदे
बता दें कि एक जापानी फल में एक नींबू से ज्यादा विटामिन सी होता है. वहीं, विटामिन बी 1, विटामिन बी 2, फोलेट, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस के साथ फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है. कम कैलोरी वाला फल होने की वजह से इसे वजन घटाने में अच्छा माना जाता है. जापानी फल में विटामिन A की मात्रा भी अधिक होती है और यह खाने में भी बहुत लजीज होता है. यह फल जब पक जाता है, तो शहद से मीठा लगता है और सभी वर्ग के लोग इसे बड़े ही चाव से खाते हैं.
जापानी फल को खाने की विधि
अगर इस फल में बीज और अंदर का तना मौजूद हो, तो उसे निकाल दें. बचे हुए फल को चम्मच से खाएं. छिलका भी खाने योग्य होता है, लेकिन जब फल पक जाता है, तो उसे खाना थोड़ा गंदा हो जाता है. कुछ लोग इसमें क्रीम, चीनी या नींबू का रस मिलाते हैं, जिससे इसका जायका और भी लाजवाब हो जाता है.
इसके अतिरिक्त, पिछले साल मंडी जिला में 120 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. इस बार और भी ज्यादा होने का पूर्वानुमान है. जापानी फल को उगाना बागवानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. लाभ होने से बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं. जापानी फल के उत्पादन में लागत कम आती है और लाभ ज्यादा होता है.
FIRST PUBLISHED : September 27, 2024, 13:47 IST
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