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नीम की पत्तियां सदियों से प्राकृतिक औषधि के रूप में जानी जाती हैं और स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होती हैं. चाहे बात हो त्वचा की समस्याओं, बालों की देखभाल, पाचन सुधार या खून की सफाई की, नीम हर क्षेत्र में लाभकारी है. सही मात्रा और तरीके से इस्तेमाल करने पर यह न सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है, बल्कि त्वचा और बालों की खूबसूरती भी बनाए रखती है.
भारत में नीम को सदियों से इसके औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में ‘आरोग्य वृक्ष’ कहा जाता है. नीम की पत्तियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो खून को शुद्ध करने का काम करते हैं. इसका नियमित सेवन शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है. जब खून साफ होता है, तो चेहरे पर प्राकृतिक चमक आती है और त्वचा से संबंधित बीमारियां भी कम हो जाती हैं.
यदि आप दाद, खाज, खुजली, एक्जिमा, मुंहासे या सोरायसिस जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो नीम की पत्तियां बेहद असरदार साबित होती हैं. पत्तियों को पीसकर लेप लगाने या पानी में उबालकर नहाने से त्वचा संबंधी परेशानियां कम होती हैं. नीम के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण संक्रमण को फैलने से रोकते हैं, वहीं इसकी पत्तियों का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है.
नीम की पत्तियां ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इसमें मौजूद तत्व इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाते हैं. डायबिटीज के मरीजों को सुबह खाली पेट नीम की कुछ पत्तियां चबाने से काफी लाभ मिल सकता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और सामान्य सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों से लड़ने की ताकत प्रदान करते हैं.
प्राचीन समय से लोग नीम की दातुन का इस्तेमाल करते आए हैं, जिसमें नीम की पत्तियां दांतों को मजबूत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं. इसका नियमित उपयोग दांतों में कीड़े, पायरिया और बदबू जैसी समस्याओं को दूर करता है. साथ ही, नीम की पत्तियां भूख को नियंत्रित करने में भी मदद करती हैं, जिससे पेट के कीड़े, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
नीम की पत्तियों का सेवन लीवर को डिटॉक्स करता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है. इससे पीलिया और अन्य लीवर संबंधी रोगों से बचाव होता है. इसके लेप लगाने से चोट, घाव और जलन जल्दी ठीक हो जाती है. नीम के एंटीसेप्टिक गुण संक्रमण को रोकते हैं और नई त्वचा बनाने की प्रक्रिया को तेज करते हैं. मलेरिया जैसी बीमारियों में भी नीम की पत्तियां सहायक होती हैं, और इसका काढ़ा पीने से बुखार कम होता है.
नीम की पत्तियां शरीर में अतिरिक्त वसा को कम करने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं. जो लोग वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, उनके लिए इसका सेवन फायदेमंद है. इसके पत्तियों में आयरन, कैल्शियम और विटामिन C जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो एनीमिया यानी खून की कमी को दूर करने में मदद करते हैं.
खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करना सबसे लाभकारी माना जाता है. इसके लिए सुबह 4–5 कोमल पत्तियां चबाई जा सकती हैं. पत्तियों को उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से कई रोगों से राहत मिलती है. नीम की पत्तियों को पीसकर लेप लगाने से त्वचा रोगों में आराम मिलता है, और पानी में उबालकर बाल धोने से रूसी की समस्या कम होती है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/health-neem-leaves-health-benefits-uses-local18-9674558.html