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Home Remedies to Prevent Pneumonia in Children: सर्दियों के मौसम में बच्चों में खांसी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आप सिरप या एंटीबायोटिक की बजाय देसी नुस्खों से इलाज की सलाह दे रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार, भाप दिलाना, शहद, अदरक-तुलसी का काढ़ा, हल्दी वाला दूध और तरल पदार्थ देना बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित व असरदार उपाय हैं. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये प्राकृतिक तरीके इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और सर्दी-खांसी में तेजी से आराम पहुंचाते हैं.
देश-प्रदेश में कफ सिरप के कथित सेवन से बच्चों की लगातार हो रही मौतों के बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सर्तक है. इसको लोकर एडवाइजरी कर सतर्कता बरतने व कफ सिरप के बाज घरेलू नुस्खे अपनाने की हिदायत दी गई है. सीकर में नेहरू पार्क के पास जनाना अस्पताल में खांसी, बुखार व जुकाम से ग्रस्त छोटे बच्चों के उपचार में अब चिकित्सक कफ सिरप नहीं, अभिभावकों को घारेलू देसी नुस्खों शहद, भाप व तरल पदार्थ के उपयोग की सलाह दे रहे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सीरप नहीं दें, क्योंकि इन दवाओं के दुष्प्रभाव से सांस की तकलीफ बढ़ सकती है.
ऐसे में, घरेलू उपाय और सावधानियां ही बच्चों को सुरक्षित रखने का साबसे बेहतर तरीका है. इसके अलावा सर्द मौसम के कारण बच्चों में निमोनिया और खांसी-जुकाम के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि खांसी, जुकाम व बुखार लिए घरेलू प्राथमिक उपचार के रूप से ग्रस्त छोटे बच्चों के उपचार के में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिलाने, आराम, एक साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए शहद व भाप सलाइन ड्रॉप डालना चाहिए.
डॉक्टर के अनुसार, सर्दी के मौसम में बच्चों की सांस की नली वयस्कों की तुलना में काफी संकरी होती है, जिसके कारण कफ या बलगम जमा होने पर सांस लेने में कठिनाई होती है. ऐसी स्थिति में माता-पिता को तुरंत सजग होना चाहिए छोटे बच्चों के लिए घरेलू और प्राकृतिक उपाय ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी रहते हैं. घरेलू उपायों में भाप लेना सबसे आसान और असरदार तरीका है. गर्म पानी में कुछ बूंदें नीलगिरी का तेल डालकर बच्चे को हल्की भाप दिलाने से नाक और गले में जमा कफ ढीला पड़ता है.
इसके अलावा तुलसी और अदरक का काढ़ा भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. तुलसी के पत्ते, अदरक और काली मिर्च को उबालकर बना काढ़ा दिन में दो बार दिया जा सकता है. हल्दी वाला दूध सर्दी-जुकाम में रामबाण माना जाता है. रात को सोने से पहले हल्का गर्म दूध में चुटकीभर हल्दी डालकर बच्चे को देने से गले की खराश कम होती है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. वहीं, शहद और अदरक का मिश्रण भी कफ निकालने में सहायक है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि आधा चम्मच अदरक रस में शहद मिलाकर देने से खांसी में तुरंत आराम मिलता है. उन्होंने बताया कि सर्दी-जुकाम के दौरान बच्चों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ देना बहुत जरूरी है. गर्म पानी, सूप या दूध जैसे तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और कफ को पतला करने में मदद करते हैं. इससे बच्चे की सांस लेने की तकलीफ कम होती है और रिकवरी तेजी से होती है. ठंडी चीजों से परहेज और शरीर को गर्म रखना भी बहुत जरूरी है.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, छह माह तक के बच्चों को किसी भी स्थिति में बाहरी दवाएं या सिरप नहीं देना चाहिए. इस उम्र में केवल मां का दूध ही सबसे सुरक्षित और पौष्टिक आहार है. मां का दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और उसे सर्दी, खांसी व संक्रमण से प्राकृतिक रूप से बचाता है. यही कारण है कि इसे प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर कहा गया है. यदि बच्चे के सीने में घरघराहट सुनाई दे तो सांस तेज चले या शरीर का तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक हो जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. देरी करने पर निमोनिया जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है.
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