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Research on antibiotic resistance begins at Muzaffarpur Sadar Hospital

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Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस पर बिहार का पहला वैज्ञानिक शोध शुरू होगा. अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएस. झा ने इस पहल को बेहद अहम करार दिया.

बिहार का यह सदर अस्पताल बनेगा रिसर्च हब, एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस पर होगा शोधसदर अस्पताल 
मुजफ्फरपुरः मुजफ्फरपुर का सदर अस्पताल अब एक ऐतिहासिक पहल करने जा रहा है. यहां एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस (प्रतिरोधक क्षमता) पर विस्तृत अध्ययन और शोध की तैयारी शुरू हो चुकी है. यह बिहार का पहला जिला अस्पताल होगा, जहां इस गंभीर विषय पर वैज्ञानिक स्तर पर शोध होगा.

बार-बार उपयोग ने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी
चिकित्सा जगत में एंटीबायोटिक्स को अक्सर जीवन रक्षक दवाओं के रूप में देखा जाता है. कई बार ये मरीजों की जान तक बचा लेती हैं. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में इनके अनियंत्रित और बार-बार उपयोग ने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. लगातार सेवन के कारण बैक्टीरिया अब दवाओं के प्रति प्रतिरोधी होते जा रहे हैं. ऐसे में न सिर्फ उपचार जटिल हो रहा है, बल्कि मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हो रही है.

प्रत्येक मरीज की पर्ची का होगा गहन विश्लेषण 
सदर अस्पताल में होने वाले इस अध्ययन के तहत प्रत्येक मरीज की पर्ची का गहन विश्लेषण किया जाएगा. इसमें यह देखा जाएगा कि किस बीमारी के लिए कौन-सा एंटीबायोटिक दिया गया, उसकी खुराक कितनी रही और क्या मरीज को दवा अधिक या कम मात्रा में दी गई. इस रिसर्च का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि विभिन्न बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक की उचित खुराक कितनी होनी चाहिए और अनावश्यक उपयोग से स्वास्थ्य पर क्या दुष्प्रभाव पड़ते हैं.

स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बी. एस. झा ने इस पहल को बेहद अहम करार दिया. उन्होंने कहा, यह शोध न केवल मरीजों के लिए, बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा. यह चिकित्सकों को दवा के इस्तेमाल में सतर्क करेगा और मरीजों को अनावश्यक खुराक से होने वाले नुकसान से बचाएगा.

डॉ. झा ने आगे बताया कि इस अध्ययन से यह भी स्पष्ट होगा कि एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस के कारण टीबी, निमोनिया और सेप्सिस जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कितना कठिन होता जा रहा है. उनका मानना है कि यदि समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में साधारण संक्रमण का इलाज भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा.

Amit ranjan

मैंने अपने 12 वर्षों के करियर में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया में काम किया है। मेरा सफर स्टार न्यूज से शुरू हुआ और दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर डिजिटल और Bharat.one तक पहुंचा। रिपोर्टिंग से ले…और पढ़ें

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बिहार का यह सदर अस्पताल बनेगा रिसर्च हब, एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस पर होगा शोध


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