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Bharat.one से बातचीत के दौरान वैद्य नंदू प्रसाद बताते हैं कि सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या सर्वाइकल दर्द एक तरह की हड्डी और नसों से जुड़ी समस्या है. इसमें मरीज को गर्दन, कंधे और पीठ में दर्द होता है. कई बार सिरदर्द और चक्कर भी आते हैं.
गोंडा: बदलती जीवनशैली और लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर पर काम करने की वजह से आजकल लोगों में सर्वाइकल दर्द की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह समस्या ज्यादातर गर्दन, कंधे और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है. अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह परेशानी और बढ़ सकती है. एक्सपर्ट मानते हैं कि दवा के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय भी इस बीमारी में राहत पहुंचा सकते हैं.
क्या है सर्वाइकल दर्द? सर्वाइकल रीढ़ की हड्डी का ऊपरी हिस्सा होता है.जब इस हिस्से की नसों या हड्डियों पर दबाव बढ़ता है, तो दर्द, अकड़न और जकड़न शुरू हो जाती है. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठना, ज्यादा मोबाइल देखना, गलत मुद्रा में सोना और व्यायाम की कमी इसकी बड़ी वजहें हैं.
गर्म सेंक (Hot Fomentation): वैद्य नंदू प्रसाद बताते हैं कि दर्द या अकड़न वाले हिस्से पर गर्म सेंक करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है. इससे खून का प्रवाह बढ़ता है और दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है.
हल्की मालिश: सरसों या नारियल के तेल से हल्की मालिश करने से नसों को आराम मिलता है. लेकिन ध्यान रखें कि ज्यादा जोर से मालिश न करें. हल्के हाथ से ऊपर से नीचे की ओर मसाज करनी चाहिए.
हल्दी में प्राकृतिक रूप से सूजन कम करने की ताकत होती है, जो सर्वाइकल दर्द में राहत दिलाने में मदद करती है. वैद्य नंदू प्रसाद के अनुसार, रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना फायदेमंद होता है. यह मांसपेशियों की अकड़न और दर्द को कम करता है, खून का प्रवाह बढ़ाता है और शरीर को आराम पहुंचाता है. नियमित सेवन से गर्दन और कंधों के दर्द में सुधार देखा जा सकता है.
व्यायाम और योगासन: गर्दन की हल्की स्ट्रेचिंग, भुजंगासन (सांप की मुद्रा) और ताड़ासन करने से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है और दर्द कम होता है. एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि अचानक झटके वाले व्यायाम न करें, बल्कि धीरे-धीरे अभ्यास करें .
सर्वाइकल दर्द से बचाव के लिए सही बैठने और सोने की आदत बेहद जरूरी है. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बचें और हर आधे घंटे में थोड़ी देर चलें या स्ट्रेच करें. सोते समय कठोर गद्दा इस्तेमाल करें और गर्दन को सहारा देने के लिए पतला तकिया रखें. इस तरह की आदतें रीढ़ और गर्दन की मांसपेशियों को आराम देती हैं और दर्द व अकड़न को कम करने में मदद करती हैं.
अदरक और लहसुन का प्रयोग: अदरक और लहसुन दोनों ही प्राकृतिक रूप से सूजन और दर्द कम करने में मददगार हैं. नंदू प्रसाद मानते हैं कि घरेलू उपाय राहत जरूर देते हैं, लेकिन अगर दर्द लगातार बढ़ रहा है या हाथ-पैरों में झनझनाहट महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कई बार यह समस्या नसों पर दबाव बढ़ने की वजह से गंभीर रूप ले सकती है.
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