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Why You Can not Hear Your Own Snoring | आपको अपने खर्राटे क्यों नहीं सुनाई देते

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Science Behind Snoring: खर्राटे लेना एक कॉमन समस्या है, लेकिन लोग अपने खर्राटे खुद नहीं सुन पाते हैं. सोते वक्त हमारा ब्रेन रेस्ट मोड में होता है और बाहर की आवाजें सुनाई नहीं देती हैं. इसकी वजह से अपने खर्राटे की आवाज सुन नहीं पाते हैं.

लोगों को अपने खर्राटे क्यों नहीं देते सुनाई? 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते वजहनींद की वजह से हमें खुद के खर्राटे सुनाई नहीं देते हैं.
Why People Don’t Hear Their Own Snoring: अधिकतर लोगों को खर्राटे की समस्या होती है. यह अब एक कॉमन परेशानी बन चुकी है. अगर कोई आपके पास लेटकर खर्राटे ले रहा हो, तो आपको नींद नहीं आएगी. हालांकि खर्राटे लेने वाला व्यक्ति चैन से सोता रहता है और अपने खर्राटे खुद सुनाई नहीं देते हैं. अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि जोर जोर से खर्राटे लेने वाले लोगों को अपने खुद के खर्राटे क्यों सुनाई नहीं देते हैं? दरअसल इसके पीछे कई वैज्ञानिक और शारीरिक कारण होते हैं. आपको बताएंगे कि आखिर क्यों लोग अपने खर्राटे नहीं सुन पाते और इसके क्या मायने हो सकते हैं.

स्लीप एक्सपर्ट्स की मानें तो जब हम सोते हैं, तब हमारा ब्रेन नींद में होता है. इस दौरान हमारा शरीर और ब्रेन आराम की अवस्था में होते हैं, इसलिए हम बाहरी आवाजों को पूरी तरह से सुन नहीं पाते हैं. जब आपका खर्राटे का शोर होता है, तो आप उस आवाज को महसूस नहीं कर पाते हैं, क्योंकि आपका ब्रेन जागरूक नहीं होता है. खर्राटे की आवाज हमारे कानों तक पहुंचने के लिए काफी तेज और स्पष्ट होनी चाहिए, लेकिन यह आवाज हम खुद पैदा करते हैं और हमारा शरीर इसे अंदर से सुनता है, तो बाहरी वातावरण के शोर या अन्य आवाजें इसे दबा देती हैं. यही कारण है कि हमारे साथ सोने वाले लोग हमें खर्राटे लेते हुए सुन पाते हैं, लेकिन हमें खुद की आवाज़ महसूस नहीं होती है.

खर्राटे की आवाज बहुत ही आंतरिक होती है और यह हमारी सांस की नली और गले में पैदा होती है. इसलिए यह आवाज शरीर के अंदर की तरफ होती है और सीधे हमारे कान तक नहीं पहुंच पाती है. इस वजह से खर्राटे की आवाज हमें कम सुनाई देती है, लेकिन बाहर वालों को तेज सुनाई देती है. खर्राटे की तीव्रता और स्वर भी अलग-अलग लोगों में भिन्न होते हैं. कुछ लोगों के खर्राटे बहुत जोरदार और गूंजते हुए होते हैं, जबकि कुछ लोगों के खर्राटे हल्के और कम आवाज वाले होते हैं. इसलिए अगर आपकी आवाज हल्की है, तो आपको अपने खर्राटे सुनना और भी मुश्किल हो सकता है.

अगर आपको लगातार तेज खर्राटे आ रहे हैं, तो यह आपकी सेहत के लिए खतरा भी हो सकता है. खर्राटे कभी-कभी नींद में सांस लेने में रुकावट जैसे स्लीप एप्निया का संकेत भी होते हैं. इसलिए अगर आपके साथ कोई आपको खर्राटे की समस्या बता रहा है, तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी होता है. खर्राटे की आवाज हमारे शरीर के अंदर बनती है और मस्तिष्क नींद में होने की वजह से हम इसे महसूस नहीं कर पाते हैं. हमारे आस-पास के लोग ही हमें यह बता पाते हैं कि हम खर्राटे ले रहे हैं. इसलिए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और अगर खर्राटे बहुत तेज और लगातार हों तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय वर्तमान में Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में काम कर रहे हैं। उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 9 वर्षों का अनुभव है. वे खासतौर पर हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों को गहराई से स…और पढ़ें

अमित उपाध्याय वर्तमान में Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में काम कर रहे हैं। उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 9 वर्षों का अनुभव है. वे खासतौर पर हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों को गहराई से स… और पढ़ें

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लोगों को अपने खर्राटे क्यों नहीं देते सुनाई? 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते वजह


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